पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के पांच चरण का मतदान हो चुका है। राज्य में छठे चरण के मतदान से पहले ममता बनर्जी ने अपने पांव की चोट को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि उनके पांव की 75 फीसद चोट ठीक हो चुकी है, जबकि 25 फीसद अभी भी बाकी है। मुख्यमंत्री ने एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा है कि एक हफ्ते के भीतर पांव का पलास्टर कटवा लूंगी।

समाचार चैनल से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने डॉक्टरों से प्लास्टर काटने की बात कही, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। मेरे पांव में जिस हिस्से में सबसे अधिक चोट लगी थी, वहां पर अभी भी सूजन है। डॉक्टरों ने इसके लिए मुझे सात दिन और आराम करने के लिए कहा है। ममता बनर्जी को नंदीग्राम में चुनाव प्रचार अभियान के दौरान पांव में चोट लगी थी। तृणमूल कांग्रेस ने इस हमले जांच कराने की मांग की थी, वहीं सुरक्षा में लापरवाही के कारण आयोग ने तत्कालीन पूर्वी मेदिनीपुर के डीएम और एसपी को निलंबित कर दिया था। ममता बनर्जी ने इस बार नंदीग्राम से चुनाव लड़ा है।

ममता को विजयवर्गीय का ‘तकनीकी ज्ञान’

कोरोना के बढ़ते प्रकोप की रोकथाम के लिए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के शेष कार्यक्रम में कटौती को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मांग को भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने मंगलवार को असंवैधानिक करार दिया। उन्होंने यह भी कहा कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख में चुनावों के तकनीकी ज्ञान की कमी है। बनर्जी ने सोमवार को निर्वाचन आयोग से अनुरोध किया था कि वह राज्य में पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार विधानसभा चुनाव संपन्न कराने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करे।

उन्होंने इस सिलसिले में कहा था कि राज्य में आखिरी तीन चरणों का मतदान एक बार में या दो दिन में कराने से कोविड-19 का प्रकोप एक हद तक कम हो जाएगा। विजयवर्गीय, भाजपा संगठन में पश्चिम बंगाल मामलों के प्रभारी महासचिव हैं। उन्होंने कहा, बनर्जी में (चुनावों के) तकनीकी ज्ञान की कमी है। निर्वाचन आयोग जब एक बार चुनाव कार्यक्रम घोषित कर देता है, तो तमाम चुनावी प्रक्रिया की अवधि पहले से तय होती है और उम्मीदवारों को प्रचार का निर्धारित समय मिलता है।