पाकिस्तान ने सीमा पर अपनी जिस तरह की हरकतें जारी रखी हुई हैं, उससे उसकी मंशा साफ नजर आ रही है। हालांकि यह एक तरह से उसकी फितरत बन गई है कि वह नाहक ही भारत को उकसाने के लिए कभी भारतीय सीमा में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने वालों को संरक्षण देता है तो कभी घुसपैठ करने में मदद करता है।

भारत आमतौर पर ऐसी समस्या से अपने स्तर पर निपटता है और आतंकवाद का सामना करता है। लेकिन भारत की इसी सहनशीलता का फायदा पाकिस्तान उठाने की कोशिश करता है। अब उसका दुस्साहस इस कदर बढ़ चुका है कि बिना किसी उकसावे के वह भारतीय सीमा में नाहक ही गोलीबारी करना शुरू कर देता है। यानी एक तरह से युद्ध जैसे हालात पैदा करने की कोशिश करता है। बुधवार को देर रात जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले के रामगढ़ सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास पाकिस्तानी रेंजरों ने बेवजह ही गोलीबारी शुरू कर दी।

इसका सीमा सुरक्षा बल यानी बीएसएफ के जवानों ने मुंहतोड़ जवाब दिया। मगर पाकिस्तानी गोलीबारी की जद में आने की वजह से एक हेड कांस्टेबल की मौत हो गई।यह कोई पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने इस तरह की बेलगाम और अराजक हरकत की हो। फिलहाल द्विपक्षीय सहमति के बावजूद पिछले चौबीस दिनों में यह तीसरी बार है जब अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान की ओर से नियमों को ताक पर रख कर युद्ध विराम का उल्लंघन किया गया।

गौरतलब है कि 25 फरवरी 2021 को भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम समझौते पर हस्ताक्षर किया गया था। तब से बिना किसी उकसावे के पाकिस्तान की सीमा के भीतर से भारत की ओर नाहक गोलीबारी की यह छठी घटना है। हाल ही में जम्मू के अरनिया और सुचेतगढ़ सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान ने करीब सात घंटे तक लगातार गोलीबारी की थी। तब भी बीएसएफ के जवानों ने उसका मुंहतोड़ जवाब दिया था।

मगर बार-बार मुंह की खाने और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आए दिन बुरी तरह फजीहत होने के बावजूद पाकिस्तान अपनी आदत से बाज आने को तैयार नहीं है। दुनिया के ताकतवर देशों के सामने और संयुक्त राष्ट्र के मंचों पर वह भारत पर अंगुली उठाता रहता है, मगर पड़ोसी देशों के साथ संबंधों और सीमा पर स्थिति को लेकर अंतरराष्ट्रीय नियम-कायदों का खयाल रखना उसे कभी जरूरी नहीं लगता।

हैरानी की बात यह है कि पाकिस्तान आए दिन दुनिया भर में खुद को एक पीड़ित देश के रूप पेश करता रहता है और भारत पर निराधार आरोप लगाता है, मगर सीमा पर नाहक गोलीबारी की लगातार घटनाओं के बावजूद न तो उसे किसी को इसका कारण बताने की जरूरत महसूस होती है और न ही वह इस बारे में कोई सफाई देता है।

सवाल है कि अगर बिना किसी वजह के पाकिस्तान की ओर से ऐसी लगातार हरकतों के बाद भारत उसे उकसावे की कार्रवाई बताए और इस पर उचित प्रतिक्रिया दे, तब इसे कैसे देखा जाएगा! मगर भारत अपनी ओर से अधिकतम स्तर तक धीरज कायम रखता है और पाकिस्तान के चरित्र और उसकी हरकतों के बारे में संयुक्त राष्ट्र को बताता है। यह एक जगजाहिर तथ्य है कि कई आतंकी संगठन पाकिस्तान स्थित ठिकानों से अपनी गतिविधियां संचालित करते हैं।

अब घोषित तौर पर युद्ध विराम को धता बताते हुए भारत की ओर नाहक गोलीबारी करके क्या पाकिस्तान आतंकवादी संगठनों के समांतर ही दिखना चाहता है? यह बेवजह नहीं है कि पाकिस्तान की शिकायतों को अब आमतौर पर निराधार माना जाता है और शायद ही कोई देश उसकी बात को गंभीरता से लेने को तैयार है।