अभिनेता सैफ अली खान पर जानलेवा हमले ने सभी को सकते में डाल दिया है। घर में घुस कर उन पर किया गया हमला कोई सामान्य घटना नहीं है। मुंबई में अगर इस स्तर की बड़ी हस्तियां भी सुरक्षित नहीं हैं, तो फिर आम शहरी किस तरह खुद को महफूज समझेगा? यहां कुछ नेताओं और अभिनेताओं को कुख्यात अपराधियों ने जिस तरह निशाने पर लिया है, उससे मुंबई की सुरक्षा पर सवाल उठना स्वाभाविक ही है। यह हैरत की बात है कि बांद्रा स्थित इमारत की बारहवीं मंजिल पर अभिनेता के घर में देर रात हमलावर घुसा और उन्हें बुरी तरह जख्मी कर आसानी से भाग भी गया।
राहत की बात बस यह है कि सैफ अली खान अब खतरे से बाहर हैं। हकीकत विस्तृत जांच के बाद ही सामने आएगी, मगर इस घटना ने देश की आर्थिक राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था को कठघरे में खड़ा किया है। बांद्रा में कई जानी-मानी और फिल्म उद्योग से जुड़ी हस्तियां रहती हैं।
सलमान को लंबे समय से मिल रही धमकियां
बावजूद इसके वहां की सुरक्षा व्यवस्था का आलम यह है कि एक इमारत में घुस कर हमला करने के बाद आरोपी व्यक्ति भाग भी गया। कुछ समय पहले इसी इलाके में राकांपा नेता बाबा सिद्दीकी की सरेआम गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। इस बीच सलमान खान को भी धमकियां मिलने की खबरें आईं।
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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का यह दावा है कि मुंबई देश का सबसे सुरक्षित महानगर है। मुंबई पुलिस अपने कामकाज को वैश्विक स्तर की गुणवत्ता वाला बताती है। सवाल है कि इसके बावजूद मुंबई में मशहूर हस्तियों के सामने इस तरह के जोखिम क्यों पैदा हो रहे हैं। कोई हमलावर बेखौफ अपना काम करके कैसे निकल जाता है? सैफ अली खान पर हमले के बाद महाराष्ट्र में सियासत गरमा गई है। अगर मुंबई को एक असुरक्षित होता शहर बताया जा रहा है, तो यह बेवजह नहीं है।
मुंबई दिनोंदिन होती जा रही असुरक्षित
इसमें कोई दो राय नहीं कि इस मुद्दे पर सियासत नहीं होनी चाहिए, लेकिन आखिर किन कारणों से मुंबई दिनोंदिन असुरक्षित होती जा रही है। सैफ अली खान पर हमला एक आम उदाहरण नहीं भी हो सकता है, लेकिन यह साफ है कि अगर मुंबई में सुरक्षा और कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर सरकारी दावों के अनुरूप जमीनी स्तर पर भी लोग सुरक्षित महसूस नहीं करेंगे, तो सरकार से लेकर वहां की पुलिस तक की कार्यकुशलता पर सवाल उठेंगे।