देश के नागरिक जनप्रतिनिधियों को इस उम्मीद के साथ चुनते हैं कि वे व्यक्तिगत हित से ऊपर उठकर संवैधानिक दायित्वों का निर्वाह करेंगे, जन-समस्याओं का समाधान निकालेंगे और संकट की घड़ी में उनके साथ खड़े रहेंगे। मगर जनप्रतिनिधियों के व्यवहार में आ रहे बदलाव से अब लोगों का भरोसा डगमगाने लगा है। आपराधिक छवि के नेताओं को जिस तरह राजनीति में जगह मिली है, इसके लिए सियासी दल भी कम जिम्मेदार नहीं हैं

दुखद है कि लोकतंत्र की रक्षा करने की शपथ लेने वाले नेता लोक के लिए ही खतरा बन गए हैं। पंजाब में आम आदमी पार्टी राजनीति में शुचिता लाने और विकास के वादे के साथ सत्ता में आई थी, लेकिन इन वादों की हकीकत ने लोगों को निराश ही किया है। ताजा उदाहरण राज्य में इस पार्टी के एक विधायक का है, जिन पर बलात्कार जैसे संगीन आरोप लगे हैं। इस मामले में पुलिस ने मंगलवार को उन्हें गिरफ्तार किया था, लेकिन उन्होंने अपने समर्थकों के साथ ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं और पुलिस की हिरासत से फरार हो गए।

कौन हैं पुलिस को चकमा देकर फरार होने वाले AAP विधायक हरमीत सिंह पठानमाजरा

पंजाब में सत्तासीन आम आदमी पार्टी को शायद ही इस बात की कोई चिंता होगी कि उसके विधायक क्या कर रहे हैं। पार्टी के कुछ विधायकों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लग चुके हैं। कई आरोपों से घिरी आम आदमी पाटी और उसकी सरकार की ओर से किए जा रहे विकास के दावों में कितनी सच्चाई है, इसकी तस्वीर इस बार राज्य में बने बाढ़ जैसे हालात से साफ दिख रही है।

पार्टी के विधायक इस संकट में जनता के बीच जाना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। अगर, बाढ़ से निपटने के समय पर बंदोबस्त किए गए होते, तो आज राज्य में हालात ऐसे नहीं होते। पंजाब में करीब साढ़े आठ लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। ऐसे समय में जब लोगों को अपने जनप्रतिनिधियों की सबसे अधिक जरूरत है, तो एक विधायक के गोलियां चलाकर पुलिस हिरासत से फरार होने की घटना सामने आ रही है। अगर जनप्रतिनिधि ही सड़क पर हथियार लेकर चलेंगे तो वे समाज में किस तरह का आदर्श कायम करेंगे?