यह विडंबना ही है कि तमाम वैज्ञानिक प्रगति के बावजूद दुनिया थोड़े-थोड़े अंतराल पर किसी न किसी महामारी के आतंक के साए में रहती है। एक समय स्वाइन फ्लू से दुनिया खौफजदा थी। आजकल जीका नाम के वायरस का खौफ छाया हुआ है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जीका वायरस के और अधिक फैलने के खतरे को लेकर पिछले हफ्ते चेतावनी जारी की। चेतावनी का स्तर बहुत ऊंचा है, यानी स्थितियां बहुत भयावह हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन हालात की समीक्षा के लिए एक बार फिर एक फरवरी को आपातकालीन बैठक करने जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी अपने प्रशासन को जीका से निपटने की तैयारी की समीक्षा के निर्देश दिए हैं और प्रतिरोधी टीका विकसित करने का आह्वान किया है। जीका का प्रसार अभी लैटिन अमेरिका तक सीमित है। लैटिन अमेरिका के देशों में जीका के कोई चालीस लाख मामले दर्ज किए गए हैं।

पर आज की दुनिया में, जहां हर तरफ बड़े पैमाने पर तेज आवाजाही है, वायरस का संक्रमण दुनिया के एक कोने से दूसरे कोने तक हो सकता है। इसलिए हवाई अड््डों पर खास सतर्कता बरतने की जरूरत सभी देशों ने महसूस की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की चेतावनी के मद््देनजर भारत ने निगरानी और एहतियात के लिए स्वास्थ्य सचिव की अध्यक्षता में तकनीकी