कई बार यह सोच कर भी हैरानी होती है कि महज एक माचिस की तीली न देने पर कोई किसी की हत्या कर सकता है। पिछले कुछ समय से दिल्ली और देश के दूसरे इलाकों से बहुत मामूली बातों पर आपा खोकर मारपीट करने और जान तक ले लेने की जैसी खबरें आ रही हैं, वे चिंताजनक हैं।

गौरतलब है कि दिल्ली के तिमारपुर इलाके में दो लड़कों ने एक युवक पर सिर्फ इसलिए चाकू से हमला कर दिया कि उसने मांगने पर माचिस की तीली नहीं दी। ज्यादा खून बह जाने की वजह से युवक की मौत हो गई। इसके बाद खोजबीन करके जब पुलिस ने दोनों हमलावरों को पकड़ा तो दोनों नाबालिग निकले।

जाहिर है, अब हत्या की इस वारदात को आम अपराध मान कर ही कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। मगर इस घटना की प्रकृति को देखते हुए ज्यादा चिंता इस बात को लेकर है कि बेहद मामूली बातों पर भी इस कदर आपा खोने और हत्या तक कर देने की घटनाओं का दायरा जिस तरह फैल रहा है, आखिर उसके कारण क्या हैं!

दिल्ली में इस प्रकृति की यह कोई अकेली घटना नहीं है। आए दिन ऐसे मामले सामने आने लगे हैं, जिनमें बहुत मामूली बात पर कहा-सुनी और फिर जानलेवा हमले हो जाते और किसी को पीट-पीट कर या किसी हथियार से मार डाला जाता है। आखिर ऐसा क्यों और कैसे हो रहा है!

दिल्ली की ताजा घटना में शामिल दोनों आरोपी नाबालिग हैं, मगर इसी उम्र में चाकू लेकर चलना और बिना खौफ के अपराध को अंजाम देने का दुस्साहस उनके भीतर कैसे आया? क्या उनके भीतर कानून का कोई खौफ नहीं था या वे अपराध की दुनिया में शामिल हो गए, तो इसके पीछे क्या कारण होंगे? हत्या जैसी वारदात के बाद दोषी साबित होने पर संबंधित कानूनों के तहत उन्हें निर्धारित सजा मिलेगी।

मगर इस बात पर अब विचार करने की जरूरत है कि क्या कोई ऐसी समाज-मनोवैज्ञानिक परिस्थितियां हैं या अन्य कारण हैं, जिनकी वजह से लोग इस कदर मामूली बातों पर भी आपा खोकर मरने-मारने की घटना को अंजाम दे रहे हैं।