हौसला कायम रहता है तो कीर्तिमानों की ओर बढ़ते रहने का सफर आसान हो जाता है। नीरज चोपड़ा के मामले में यह बात हकीकत बन कर सामने आ रही है। वे लगातार अपनी काबिलियत साबित कर रहे हैं। वे हर अगली प्रतियोगिता में पहले से बेहतर प्रदर्शन करते हैं और इसके साथ दुनिया में देश का नाम रोशन करने की उम्मीद को और आगे लेकर बढ़ रहे हैं। रविवार को बुडापेस्ट में चल रहे एथलेटिक्स विश्व चैंपियनशिप में जब उन्होंने 88.17 मीटर भाला फेंका, तब न केवल इस खेल में, बल्कि इस प्रतियोगिता में भारत के लिए पहला स्वर्ण पदक जीता।

नीरज चोपड़ा ने तोक्यो ओलंपिक में भी स्वर्ण पदक जीता था

इसके साथ-साथ उन्होंने अपने प्रदर्शन में लगातार बेहतर करने के सिलसिले को कायम रखा। इस प्रतियोगिता में पाकिस्तान के अरशद नदीम ने 87.82 मीटर की दूरी तक भाला फेंक कर दूसरा स्थान हासिल किया और रजत पदक जीता। 86.67 मीटर के आंकड़े के साथ तीसरे स्थान पर चेक गणराज्य के याकूब वाडलेच रहे और उन्होंने कांस्य पदक जीता। गौरतलब है कि नीरज चोपड़ा ने तोक्यो ओलंपिक में जब स्वर्ण पदक जीत कर इतिहास रचा था, तब एथलेटिक्स में देश के लिए एक बार फिर नई उम्मीद पैदा हुई। उसके बाद एक तरह से उन्होंने पीछे मुड़ कर नहीं देखा। उनका लक्ष्य 90 मीटर से आगे जाने का है।

प्रतियोगिता के पहले चक्र में प्रदर्शन को ‘फाउल’ गिना गया

पहले ओलंपिक की कामयाबी की उड़ान भरने के बाद अब विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भी नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण पदक अपने नाम किया। हालांकि यह भी तथ्य है कि भालाफेंक के ताजा प्रदर्शन में उन्होंने दूरी का जो आंकड़ा छुआ, वह उनके सर्वश्रेष्ठ पांच प्रदर्शनों में शामिल नहीं है। बल्कि इस प्रतियोगिता के पहले चक्र में उनके प्रदर्शन को ‘फाउल’ में गिना गया। लेकिन अगले ही चक्र में उन्होंने अपने भरपूर आत्मविश्वास के बूते जबर्दस्त वापसी की।

उनका अब तक का सर्वश्रेष्ठ हासिल 89.94 मीटर का रहा है

इसके बाद अगर उन्होंने इसमें सर्वश्रेष्ठ का तमगा हासिल किया, तो इससे भविष्य के लिए एक शानदार उम्मीद पैदा होती है। सच यह है कि हंगरी में आयोजित विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पहुंचने से पहले ही उन्होंने लगभग सभी प्रतियोगिताओं में जैसा प्रदर्शन किया था, उससे उनकी इस उपलब्धि की कड़ियां जुड़ी हुई थीं। दरअसल, अपने प्रदर्शनों में नीरज चोपड़ा 88 मीटर की दूरी को दस बार पार कर चुके हैं और उनका अब तक का सर्वश्रेष्ठ हासिल 89.94 मीटर का रहा है।

जाहिर है, विश्व चैंपियनशिप में उनकी इस जीत और बेहतर प्रदर्शन से और बेहतर नतीजों की संभावना पैदा होती है। गौरतलब है कि इस प्रतियोगिता में नीरज चोपड़ा से पीछे रह कर दूसरा स्थान हासिल करने वाले पाकिस्तान के अरशद नदीम राष्ट्रमंडल खेलों में 90 मीटर की दूरी को पार कर चुके हैं। हालांकि इस बार शुरुआती कई चक्रों में वे भी पिछड़ गए थे। भारत के लिहाज से इस प्रतियोगिता का एक खास पहलू यह रहा कि एक ओर नीरज चोपड़ा सबसे पहले स्थान पर रहे, तो दूसरी ओर भारत के ही किशोर जेना पांचवें और डीपी मानू छठे स्थान पर रहे।

यानी इस खेल में भारत के पास एक शृंखला खड़ी हो रही है, जो नीरज चोपड़ा के समांतर भविष्य की चुनौतियों के मैदान में खड़े होंगे। उम्मीद की जानी चाहिए कि जिस तरह नीरज चोपड़ा ने इस खेल में अपने प्रदर्शनों में निरंतरता बनाए रखी, उसी तरह बाकी खिलाड़ी भी उम्मीद की कसौटी पर खुद को साबित करेंगे। नीरज चोपड़ा ने इस भरोसे को इस संदेश के साथ मजबूत भी किया कि भारतीय खिलाड़ी भी इतिहास रच सकते हैं।