उत्तर प्रदेश पुलिस और लखनऊ स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की संयुक्त टीम ने चलती ट्रेन में महिला के साथ दरिंदगी करने वाले आरोपी अनीस का अयोध्या के इनायत नगर में एनकाउंटर कर दिया है। हमले में उसके दो साथी आजाद और विशंभर दयाल उर्फ लल्लू घायल हो गए हैं। फिलहाल उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। इस एनकाउंटर में कलंदर थाने के पुलिस अधिकारी रतन शर्मा भी घायल हो गए। चलिए बताते हैं कि आखिर महिला हेड कांस्टेबल के साथ चलती ट्रेन में क्या हुआ था और पूरा मामला क्या है।

दरअसल, 30 अगस्त को अयोध्या स्टेशन पर सरयू एक्सप्रेस के जनरल डिब्बे के तीसरे कोच में सीट के नीचे एक 40 साल की महिला सिपाही घायल अवस्था में बेहोश पाई गई थी। उसके चेहरे पर किसी धारदार हथियार से हमला किया गया था और सिर पर भी दो गहरीं चोटें आई थीं। शरीर से खून बह रहा था। यात्रियों ने जो वीडियो बनाई थी उसमें महिला दर्द से कराह रही थी। सुबह करीब चार बजे एक पैसेंजर ने GRP को घायल महिला पुलिसकर्मी के बारे में सूचित किया। मौके पर पुलिस पहुंची। जब महिला सिपाही का रेस्क्यू किया गया तो उसके शरीर के निचले हिस्से पर वर्दी नहीं थी। इसके बाद इलाज के लिए घायल महिला सिपाही को पहले लोकल अस्पताल ले जाया गया और फिर वहां से उसे लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी ट्रॉमा सेंटर में रेफर कर दिया गया था। महिला उस वक्त कुछ भी बताने की हालत में नहीं थी। उसके भाई की शिकायत के आधार पर पुलिस ने IPC की धारा 307, 353, 332 के तहत FIR दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी।

मामले में GRP ने बताया था कि घायल पुलिसकर्मी घटना के वक्त ड्यूटी पर थी। अयोध्या कैंट GRP के SHO पप्पू यादव के अनुसार, पुलिसकर्मी सुलतानपुर में कोतवाली पुलिस के क्षेत्र में महिला हेल्पलाइन सेल में पोस्टेड है। वह प्रयागराज की रहने वाली है। उसने साल 1998 में यूपी पुलिस ज्वॉइन की थी। वह अविवाहित है। अयोध्या के ‘सावन के मेले’ में उसकी ड्यूटी लगाई गई थी। उसे अयोध्या जंक्शन पर उतरना था लेकिन किसी कारण वह ट्रेन से उतर नहीं पाई। बता दें कि महिला की पहचान उजागर नहीं की गई है।

सीट को लेकर हुआ था झगड़ा

मामले की जांच कर रहे अधिकारियों का कहना है कि ट्रेन की सीट को लेकर महिला पुलिसकर्मी का आरोपियों से विवाद हो गया था। वह ट्रेन में सबसे ऊपर की बर्थ पर बैठी थी। मनकापुर स्टेशन पर आरोपियों ने उससे झगड़ा किया। जैसे-जैसे ट्रेन की स्पीड तेज हुई झगड़ा बढ़ता गया। इसके बाद आरोपियों ने उस पर बेरहमी से हमला कर दिया। इसके बाद अयोध्या पहुंचने पर वे ट्रेन से उतरकर नीचे भाग गए।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लगाई फटकार

पुलिस अपने तरीके से जांच कर रही थी। वहीं विपक्ष ने भी यूपी सरकार को घेरना शुरू कर दिया। इसी बीच 4 सितंबर को घटना के संबंध में व्हाट्सएप पर मैसेज मिलने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले का खुद ही संज्ञान लिया। मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर ने एक पीठ के गठन का निर्देश दिया। इसके बाद उन्होंने केंद्र और रेलवे पुलिस बल (आरपीएफ) को नोटिस देने का आदेश दिया। मामले में पीठ ने आरपीएफ को “अपने कर्तव्यों के निर्वहन में विफल” होने के लिए फटकार लगाई।

महिला सिपाही के होश आने के बाद आरोपियों की हुई पहचान

इधर महिला सिपाही जिंदगी और मौत के बीच झूलती रही। ऑपरेशन कर उसकी जान तो बचा ली गई मगर वह कुछ भी बता पाने की हालत में नहीं थी। उसके सिर में गहरी चोटें आई थीं। ऐसे में पुलिस को केस में समझने में परेशानी हो रही थी। हमले के तीन हफ्ते बाद भी पुलिस के हाथ खाली थे। हालांकि पुलिस मामले की जांच में लगी रही। इसी बीच महिल सिपाही की हालत थोड़ी स्थिर हुई। उसने बताया कि आरोपी दो से तीन थे। इसके आधार पर पुलिस ने खोज शुरू की। सीसीटीवी में एक साथ दो से तीन लोगों की तलाश शुरू की गई। मुखबिरों को अलर्ट कर दिया गया।

घटना वाली जगह पर एक्टिल मोबाइल नंबर्स खंगाले गए। इसके बाद 22 सितंबर को आरोपियों की लोकेशन मिल गई। शुक्रवार सुबह पुलिस को सूचना मिली की आरोपी इनायतनगर में छिपे हुए हैं। इसके बाद उनकी घेराबंदी कर ली गई। पुलिस ने आरोपियों को सरेंडर करने के लिए कहा मगर अनीस ने उनपर गोली चला दी। जवाब में पुलिस ने भी फायरिंग की। अनीस को गोली लगी। उसे अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया।