पश्चिम बंगाल के बीरभूम में साल 2019 में लोकपुर में हुए बम ब्लास्ट मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने चार्जशीट में बड़ा दावा किया है। सूत्रों के मुताबिक, चार्जशीट में एजेंसी का दावा है कि साल 2019 के लोकसभा चुनावों में आतंक फैलाने के उद्देश्य से इन बमों को इकट्ठा किया गया था, जिसमें टीएमसी कार्यकर्ता की भी सहमति थी। बताया गया है कि एजेंसी ने इस मामले में 50 पन्नों की चार्जशीट तैयार की है।
साल 2019 में लोकपुर में क्या हुआ?
साल 2019 में 20 सितंबर को बीरभूम में ही लोकपुर थाने के गंगपुर गांव में टीएमसी कार्यकर्ता बबलू मंडल (TMC worker Bablu Mondal) के घर पर बने एक टिन शेड में विस्फोट हुआ था। जबकि इस घटना से एक महीने पहले 20 अगस्त, 2019 को बीरभूम के ही रेंगुनी गांव में एक गौशाला में बम ब्लास्ट होने की खबर सामने आई थी। आरोप लगे थे कि गौशाला के मालिक बदरूडोजा ने शेड में बम बनाने का सामान और बारूद छुपा रखा था।
पहले CID ने की जांच फिर NIA को मिला केस
20 सितंबर को तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ता बबलू मंडल के घर में धमाके ( Lokpur blast) के बाद इसकी जांच प्रदेश की सीआईडी की कर रही थी। फिर इसी साल अप्रैल 2022 में कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश देने के बाद में इसे NIA को ट्रांसफर कर दिया गया था। इस केस में जांच के दौरान बबलू मंडल को एजेंसी ने गिरफ्तार भी किया था।
TMC कार्यकर्ता की सहमति से रखे गए थे बम
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का यह भी दावा है कि तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ता (TMC worker) बबलू मंडल के घर में उसकी सहमति से ही बम रखे गए थे। इस मामले में एनआईए ने अपने 50 पन्नों के आरोप पत्र में यह भी दावा किया है कि यह बम साल 2017 के पंचायत चुनावों के बाद से ही इकट्ठा किए जा रहे थे, ताकि आने वाले लोकसभा चुनावों (Loksabha Election) के दौरान आतंक फैलाया जा सके।
NIA कर रही भाजपा के इशारे पर काम- बोली TMC
एनआईए जांच पर अपनी प्रतिक्रिया में सत्तारूढ़ टीएमसी ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी भाजपा (BJP) के इशारे पर काम कर रही है। टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा “एनआईए एक केंद्रीय एजेंसी है। बीजेपी जो कहना चाहती है, वह केंद्रीय एजेंसियों के जरिए कहती है।” जबकि बीजेपी नेता राहुल सिन्हा ने पलटवार करते हुए कहा, ‘एनआईए कुछ अलग नहीं कह रही है। घटना के वक्त इलाके के लोगों ने भी यही बात कही थी।’