WB SSC Scam: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का दावा है कि स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) घोटाले में जमा की गई रकम को कथित तौर पर लॉन्ड्रिंग के लिए इस्तेमाल किए गए लगभग 50 बैंक खाते जांच के दायरे में हैं। जांच एजेंसी ने यह भी कहा है कि वह दोनों आरोपियों के मोबाइल से रिकवर किए गए डेटा की जांच भी कर जा रही है।
ED ने 2 अगस्त को रिकवर किया था मोबाइल डेटा
केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों का मानना है कि इस घोटाले की तह तक जाने के लिए गहन जांच करने की जरूरत है। अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने 2 अगस्त को दोनों आरोपियों (पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी) के मोबाइल फोन से डेटा रिकवर किया था। फिर इसी डेटा के साथ तीन दिनों तक आरोपियों से पूछताछ भी की गई।
ED ने बताया अर्पिता की जान को खतरा
दूसरी ओर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अर्पिता मुखर्जी की जान का खतरा बताया है। जिसके बाद कोलकाता की एक अदालत ने विशेष सुरक्षा का निर्देश दिया है कि अर्पिता मुखर्जी को चार से अधिक सह-कैदियों के साथ नहीं रखा जाएगा। इसके अलावा, जब भी अर्पिता मुखर्जी को खाना दिया जाएगा तो पहले उसकी जांच करने के निर्देश दिए गए हैं और अर्पिता की बैरक के बाहर चौबीसों घंटे सुरक्षा गार्ड तैनात रहेंगे।
14 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी में हैं पार्थ-अर्पिता
माना जा रहा है कि जांच एजेंसी को जेल में बंद दोनों आरोपियों से पूछताछ करने की अनुमति दी जाएगी। इस मामले में विशेष अदालत ने पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। दोनों आरोपियों को ईडी ने 23 जुलाई को गिरफ्तार किया था और वह अब तक ईडी की हिरासत में थे।
पार्थ-अर्पिता ने आरोपों को बताया बेबुनियाद
पार्थ चटर्जी ने अदालत में जमानत याचिका भी दी थी, जिसे खारिज कर दिया गया दी। ज्ञात हो कि अर्पिता मुखर्जी के फ्लैटों से भारी नकदी पकड़े जाने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें बर्खास्त कर दिया था। हालांकि चटर्जी ने आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए इसे साजिश बताया है। हालांकि, अर्पिता मुखर्जी की तरफ से कहा गया है कि उनकी गैर-मौजूदगी में यह सारा पैसा रखा था।