बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार तृणमूल कांग्रेस नेता पार्थ चटर्जी की सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को चार से ज्यादा सह-कैदियों के साथ नहीं रखा जाएगा। इसके साथ ही पहले उन्हें दिए जाने वाले खाने की जांच की जाएगी। इसके साथ ही उनके जेल सेल की सुरक्षा में चौबीसों घंटे गार्ड रहेंगे। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उन्हें जान का खतरा बताए जाने के बाद कोलकाता की एक अदालत ने अर्पिता मुखर्जी को ये विशेष सुरक्षा उपाय दिए।
अर्पिता मुखर्जी ने भी अदालत से इसके लिए अनुरोध किया था। वहीं, जांच एजेंसी को जेल में बंद पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी से पूछताछ करने की अनुमति दी जाएगी। मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों में विशेष अदालत ने फैसला सुनाते हुए दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। कोलकाता की एक अदालत ने SSC भर्ती घोटाले के मामले में पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को 18 अगस्त 2022 तक न्यायिक हिरासत में भेजा। दोनों को आज कोलकाता के सिटी सेशंस कोर्ट में पेश किया गया था।
अर्पिता मुखर्जी की जान को खतरा: सुनवाई के दौरान अर्पिता मुखर्जी के वकील ने कहा कि उनकी जान को खतरा है। हम उनके लिए एक डिवीजन 1 कैदी श्रेणी चाहते हैं। उनके खाने और पानी की पहले जांच की जानी चाहिए और फिर अर्पिता को दिया जाना चाहिए। ईडी के वकील ने भी इस बात का समर्थन किया कि अर्पिता की सुरक्षा को खतरा है क्योंकि 4 से ज्यादा कैदियों को नहीं रखा जा सकता है।
अगली सुनवाई 18 अगस्त को: अदालत ने पार्थ चटर्जी की जमानत याचिका खारिज कर दी है, जबकि उनका कहना है कि यह एक साजिश है। वहीं, दूसरी ओर अर्पिता मुखर्जी ने जमानत नहीं मांगी। पार्थ चटर्जी को जहां अब प्रेसीडेंसी जेल में रखा जाएगा, वहीं अर्पिता मुखर्जी को महिलाओं के लिए स्पेशल अलीपुर जेल में रखा जाएगा। मामले की अगली सुनवाई 18 अगस्त 2022 को है।
इससे पहले ईडी ने बुधवार को अदालत में बताया कि अर्पिता मुखर्जी के नाम पर 31 जीवन बीमा पॉलिसियां हैं, जिन्हें जब्त कर लिया गया है। इन पॉलिसियों में पार्थ चटर्जी को नॉमिनी बनाया गया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा है कि उन्हें एक पार्टनरशिप फर्म के दस्तावेज भी मिले हैं। ईडी की रिमांड की मांग वाली कॉपी में बताया गया कि पार्थ चटर्जी और अर्पिता किस तरह मिलीभगत के साथ काम कर रहे थे।