उत्तर प्रदेश के बरेली शहर के एक अनाथालय में आठ साल की अनाथ छात्रा के साथ छेड़छाड़ करने के आरोप में पुलिस ने अनाथालय के संचालक को गिरफ्तार किया है। एक पुलिस अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। अनाथालय कमेटी को प्रधान की हरकत की शिकायत उसी दिन दे दी गई थी, लेकिन उसने कोई एक्शन नहीं लिया।
बरेली शहर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) धर्मेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस को अनाथालय के स्टाफ ने शिकायती पत्र देते हुए आरोप लगाया था कि 31 जुलाई को मध्यावकाश के वक्त अनाथालय के प्रधान ने एक अनाथ बच्ची के साथ अश्लील हरकतें की थी। इसकी शिकायत खुद छात्रा ने वार्डन से बातचीत के दौरान की थी। पत्र के मुताबिक, पीड़िता ने मामले की जानकारी अनाथालय में रहने वाली अपनी बड़ी बहन को भी दी थी। एसएचओ के अनुसार, आरोपी प्रधान ओमकार आर्य (39) बरेली कैंट थाना क्षेत्र के एक गांव का रहने वाला है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने आर्य के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत FIR दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है।
अनाथालय कमेटी ने नहीं लिया कोई एक्शन
एसएचओ के मुताबिक, अनाथालय कमेटी को प्रधान की हरकत की शिकायत उसी दिन दे दी गई थी, बावजूद इसके वह मामले में क्यों खामोश रही और पुलिस को सूचित नहीं किया, यह भी जांच का विषय है। उन्होंने कहा कि मामले में सबूतों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, शिकायतकर्ता का कहना है कि वह खुद कोतवाली पुलिस के पास शिकायत लेकर गई थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। उसने बताया कि इसके बाद वह वार्डन के साथ एसएसपी बरेली के पास पहुंची, जिनके निर्देश पर कोतवाली पुलिस ने आरोपी के खिलाफ शनिवार रात एफ़आईआर दर्ज की और फिर उसे गिरफ्तार कर लिया।
हल्द्वानी में दृष्टिबाधित लड़की का यौन शोषण
वहीं, उत्तराखंड के हल्द्वानी शहर में दृष्टिबाधित लड़की का यौन शोषण करने वाले एक संचालक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने बताया कि नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड (नैब) के 60 वर्षीय संचालक श्याम धानक को शुक्रवार शाम हल्द्वानी के दमुवाढूंगा बंदोबस्ती स्थित उसके आवास से गिरफ्तार किया गया। संस्थान में रहने वाली कुछ नाबालिग लड़कियों ने धानक के खिलाफ अपनी शिकायत किसी तरह से नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तक पहुंचाई थी, जिसके बाद उन्होंने पुलिस को जांच करने के निर्देश दिए। आरोपों के सही पाए जाने के बाद धानक को गिरफ्तार किया गया।
धानक काफी लंबे समय से दृष्टिबाधित और मूक-बधिर बच्चों की आवासीय संस्था नैब का संचालन कर रहा था। जांच में पता चला कि उसने बच्चियों से यह बात किसी को नहीं बताने को कहा था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि कथित यौन शोषण का विरोध करने पर मासूमों के साथ मारपीट की जाती थी और उन्हें खाना भी नहीं दिया जाता था। पुलिस सूत्रों से यह भी पता चला है कि बच्चियों के पास मोबाइल फोन या संचार का कोई अन्य साधन नहीं रहता था, इसलिए वहां की बालिकाओं ने किसी तरह से किसी व्यक्ति के माध्यम से जुलाई में एक पत्र पुलिस को भेजवाया। पत्र मिलने के बाद पुलिस ने एक-डेढ़ महीने तक मामले की जांच की और आरोपों को सही पाए जाने के बाद धानक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।