Atiq-Ashraf Murder Case: कुख्यात गैंगस्टर से राजनेता बने अतीक अहमद और उसके छोटे भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ अहमद की दोहरे हत्याकांड की जांच कर रही उत्तर प्रदेश पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) ने 15 अप्रैल को प्रयागराज में मौका-ए-वारदात से गिरफ्तार किए गए तीन हमलावरों के खिलाफ गुरुवार को अपना आरोपपत्र (Chargesheet) दायर कर दिया। प्रयागराज की सीजेएम कोर्ट में दायर आरोपपत्र में एसआईटी ने हमीरपुर के आरोपी को मास्टरमाइंड करार दिया है।
हत्याओं के 90 दिनों के भीतर दायर की गई चार्जशीट
हत्याओं के 90 दिनों के भीतर दायर किए गए आरोपपत्र का हवाला देते हुए एसआईटी के एक अधिकारी ने कहा कि हमीरपुर का रहने वाला 23 साल का शनि सिंह उर्फ पुरैनी दोनों गैंगस्टर भाइयों की हत्याओं का मास्टरमाइंड था। उसने अन्य दो आरोपियों 22 साल के लवलेश तिवारी और 18 साल के अरुण कुमार मौर्य को अपराध करने के लिए को उकसाया था। लवलेश तिवारी बांदा और अरुण कुमार मौर्य कासगंज का रहने वाला है। अतीक अहमद और अशरफ अहमद मर्डर केस के तीनों आरोपी फिलहाल प्रतापगढ़ की जिला जेल में बंद हैं। पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने इस दोहरे हत्याकांड को अंजाम देने के लिए जिगाना और गिरसान पिस्टल का इस्तेमाल किया था।
आईपीसी की इन धाराओं के तहत दायर किया गया आरोपपत्र
अतीक अहमद और अशरफ अहमद हत्याकांड में आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास) और 120-बी (आपराधिक साजिश) समेत अन्य धाराओं के तहत आरोपपत्र दायर किया गया है। एसआईटी ने कहा कि हमलावरों की अतीक या अशरफ से कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं थी और वे दोनों के “गिरोह” को खत्म करके लोकप्रिय बनना चाहते थे। 15 अप्रैल को तीन हमलावरों ने खुद को पत्रकार बताते हुए नजदीक पहुंचकर अतीक और अशरफ की उस समय गोली मारकर हत्या कर दी, जब यूपी पुलिस उन दोनों को मेडिकल जांच के लिए प्रयागराज के कॉल्विन हॉस्पिटल ले जा रही थी।
प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर ने किया था तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन
माफिया अतीक अहमद और अशरफ अहमद हत्याकांड की जांच के लिए प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर ने तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक एडीसीपी क्राइम सतीश चंद्र की अध्यक्षता में एसआईटी (SIT) गठित थी। इस टीम में एसीपी सत्येंद्र प्रसाद तिवारी और इंस्पेक्टर ओमप्रकाश भी शामिल हैं। इसके पहले अतीक और अशरफ की पुलिस कस्टडी में हत्या के मामले की जांच के लिए उसकी बहन आयशा नूरी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। आयशा की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका में दोनों भाइयों समेत अतीक के बेटे असद के एनकाउंटर को भी संदिग्ध बताया गया था।