माफिया मुख्तार अंसारी फिलहाल बांदा जेल में बंद हैं और इधर उनके विधायक बेटे अब्बास अंसारी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दरअसल, एमपी/एमएलए कोर्ट ने अब्बास अंसारी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। अब्बास पर धोखाधड़ी कर एक ही लाइसेंस पर कई असलहे खरीदने का आरोप है। कोर्ट ने इस मामले में कहा है कि पुलिस आरोपी को 27 जुलाई तक अरेस्ट करे।

लखनऊ की एमपी/एमएलए कोर्ट के जज अम्बरीष श्रीवास्तव ने माफिया मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी के खिलाफ यह आदेश दिया है। एमपी/एमएलए कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि इस संबंध में जब अब्बास अंसारी की गिरफ्तारी हो जाए तो उन्हें सूचित किया जाए। कोर्ट ने इस मामले में लखनऊ के महानगर थाने को निर्देश दिए हैं।

कोर्ट ने थाने के अधिकारियों को आदेश दिया है कि आरोपी अब्बास अंसारी को 27 जुलाई तक गिरफ्तार किया जाए। इस मामले में महानगर इंस्पेक्टर ने कोर्ट को पहले बताया था कि आरोपी के खिलाफ जमानती वारंट जारी है। इंस्पेक्टर ने बताया आरोपी के घर और संभावित ठिकानों पर पहले भी तलाश की जा चुकी है, लेकिन न तो आरोपी मिला और न ही उसके परिजन मिले।

पुलिस द्वारा यह भी बताया गया है कि इस संबंध में घर पर नोटिस भी चस्पा की जा चुकी है। इसी क्रम में पुलिस ने एमपी/एमएलए कोर्ट से गुजारिश की थी कि आरोपी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया जाए। जिसके बाद कोर्ट ने अब्बास के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। अदालती दस्तावेजों के मुताबिक, अब्बास के खिलाफ महानगर थाने के तत्कालीन थानाप्रभारी अशोक कुमार सिंह ने 12 अक्टूबर 2019 को रिपोर्ट लिखवाई थी।

अदालत ने मामले की अगली सुनवाई एवं विधायक अब्बास अंसारी की हाजिरी के लिए आगामी 27 अगस्त की तिथि नियत की है। बताया गया है कि, अब्बास अंसारी ने साल 2012 में एक डीबीडीएल गन का लाइसेंस लिया था। फिर इसी लाइसेंस को दिल्ली के पते पर ट्रांसफर करवाकर कई असलहे खरीदे। इसके पीछे कारण बताया गया कि वह प्रख्यात निशानेबाज हैं।

ज्ञात हो कि, माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी ने ओपी राजभर की पार्टी सुभासपा (सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी) के टिकट पर मऊ सीट से चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी। ओपी राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का यूपी विधानसभा 2022 के चुनावों में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन था।