करणी सेना प्रमुख सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या मामले में NIA हरियाणा और राजस्थान में 31 जगहों पर छापेमारी कर रही है। गृह मंत्रालय (एमएचए) ने हाल ही में इस हत्याकांड की जांच NIA को सौंपी थी। NIA इस मामले में तेजी से जांच कर रही है। असल में हत्या में हाई-प्रोफाइल गैंगस्टर्स की भूमिका को देखते हुए NIA को जांच का जिम्मा सौंपा गया था। केस अपने हाथ में लेने के बाद से ही NIA संदिग्धों से पूछताछ कर रही है। पूछताछ से मिली जानकारी के आधार पर NIA छापेमारी कर रही है।

दरअसल, सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की 5 दिसंबर को जयपुर में उनके घर पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्याकांड की यह घटना सीसीटीवी में कैद हो गई थी। घटना की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े गैंगस्टर रोहित गोदारा ने ली थी। गैंगस्टर ने फेसबुक पोस्ट में गोगामेड़ी की हत्या की जिम्मेदारी ली थी। रिपोर्ट के अनुसार, हत्या से कुछ महीने पहले ही रोहित गोदारा ने दुबई के नंबर से सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को कॉल कर धमकी दी थी।

आरोपी शूटर रोहित राठौड़ और नितिन फौजी हुए गिरफ्तार

मामले में दिल्ली क्राइम ब्रांच और राजस्थान पुलिस ने सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के मामले में आरोपी शूटर रोहित राठौड़, नितिन फौजी और सहयोगी उधम को 10 दिसंबर को चंडीगढ़ से गिरफ्तार किया था। इसके अलावा जयपुर पुलिस ने गोगामेड़ी हत्याकांड के साजिश रचने वाले एक और शख्स को भी गिरफ्तार किया था। पुलिस के मुताबिक, आरोपी रामवीर जाट ने हत्या से पहले जयपुर में अपने दोस्त फौजी के लिए तैयारी की थी।

पुलिस के अनुसार, शूटर गोदारा के करीबी वीरेंद्र चैहान और दानाराम के संपर्क में थे। जिनके आदेश पर गोगामेड़ी हत्या को अंजाम दिया गया। पुलिस की गोलीबारी में गोगामेड़ी के घर पर हमला करने वाला नवीन शेखावत भी मारा गया था। फिलहाल मामले में आगे की जांच की जा रही है।

कितने बड़े नेता थे सुखदेव सिंह?

सुखदेव सिंह गोगामेड़ी लंबे वक़्त से राष्ट्रीय करणी सेना से जुड़े थे। विवाद होने के बाद वह इस संगठन के अलग हो गए और अपना संगठन बना लिया। वही इसके पहले अध्यक्ष भी थे। फिल्म पद्मावत की जयपुर के किले में शूटिंग के दौरान साल 2017 में राजपूत करणी सेना के लोगों ने तोड़फोड़ भी की थी। गोगामेड़ी ने पद्मावत की शूटिंग के दौरान मशहूर फिल्म प्रड्यूसर और डायरेक्टर संजय लीला भंसाली को थप्पड़ जड़ दिया था। सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने पद्मावती फिल्म का खूब विरोध किया था। आखिरकार निर्माताओं ने फिल्म का नाम बदलकर ‘पद्मावत’ किया। सुखदेव सिंह गोगामेड़ी राजपूत समुदाय के मजबूत नेताओं के नाम से जाने जाते हैं।