जरायम की दुनिया में अपराध के कई चेहरे होते हैं। दुनिया में उस जुर्म को सबसे ज्यादा हैवानियत से भरा माना जाता है, जिसने पूरी मानवता को झकझोर दिया हो। ऐसे में हम आज आपको ऐसे हैवान की कहानी बताने जा रहे हैं, जो अपराध जगत में रॉस्तोव के कसाई के रूप में कुख्यात था। इस शैतान का नाम आंद्रे चिकातिलो था लेकिन उसके रेड रिपर और रॉस्तोव रिपर जैसे कई नाम थे। इस सीरियल किलर ने 56 महिलाओं और बच्चियों को मौत के घाट उतार दिया था।
रॉस्तोव शहर पर बरपा कहर: रूस के रॉस्तोव शहर ने 70 से 90 के दशक में इस सीरियल किलर का कहर झेला था। उस दौरान शहर की सूनसान सड़क, पार्क, फ़ॉरेस्ट एरिया और रेल की पटरियों के किनारे शव मिलने शुरू हुए। लगभग सभी शवों में दो बात सबसे अलग होती थी, पहली ये कि इन पीड़ितों का यौन उत्पीड़न और दूसरी चाकू से वार के निशान। आंद्रे चिकातिलो अपने शिकार को पहले अगवा करता था फिर हैवानियत के बाद बेरहमी से उनका कत्ल कर देता था।
कातिल गायब रहा, पुलिस ढूंढती रही: आंद्रे चिकातिलो ने 22 दिसंबर 1978 को 9 साल की लीना जकोतनोवा को अपना पहला शिकार बनाया था, जिसके साथ उसने बलात्कार करने की कोशिश की थी। जब बच्ची ने इसका विरोध किया तो उसने चाकू से बच्ची का सिर कलम कर दिया था। इसके बाद उसने लारिसा तकाशेन्को नाम की लड़की को अपना शिकार बनाया। आंद्रे ने उसे लाइब्रेरी से निकलते वक्त अगवा कर लिया था और फिर रेप-हत्या के बाद शव को जंगल में फेंक दिया था।
रॉस्तोव शहर में यह सब साल 1985 तक जारी रहा, लाशें मिलती रही, लेकिन पुलिस उसे पकड़ नहीं पा रही थी। अब आंद्रे रनवे और रेलवे स्टेशन पर बेघर बच्चों और औरतों के लगातार निशाना बना रहा था। मॉस्को पुलिस पर लोगों का दबाव बढ़ता जा रहा था। साल 1985 के अंत में मॉस्को पुलिस ने एक जांच अधिकारी लगाया, जिसने एक मनोचिकित्सक की मदद से हत्याओं के तरीकों पर कातिल के प्रोफाइल को तैयार किया।
मनोचिकित्सक के सामने खोले राज: इसी दौरान जांच अधिकारी ने निगरानी के दौरान पाया कि एक रेलवे स्टेशन पर आंद्रे खून से सने हाथ धो रहा था। जांच अधिकारी ने पास जाकर देखा तो उसके चेहरे पर घाव के निशान थे और उसकी मानसिक हालत सही नहीं थी। पुलिस ने मनोचिकित्सक की मदद से उससे बात की तो उसने सारे राज खोल दिए। आंद्रे चिकातिलो ने बताया कि उसने करीब 56 महिलाओं और बच्चियों को अपना शिकार बनाया था। जांच में पता चला कि वह समय के साथ नपुंसकता का शिकार हो चला था, इसलिए उग्र होकर हत्याओं को अंजाम देता था।
कौन था आंद्रे चिकातिलो: रॉस्तोव के कसाई के रूप में कुख्यात आंद्रे का जन्म 16 अक्टूबर, 1936 को याब्लोचनॉय (अब यूक्रेन) में हुआ था। शुरुआत में कुछ दिन वह सेना में रहा फिर टेलीफोन इंजीनियर बन गया था। साल 1963 में शादी के बाद उसने 1971 में लिबरल आर्ट्स यूनिवर्सिटी से डिग्री हासिल की और टीचर बन गया था। हालांकि, बच्चों के यौन उत्पीड़न की शिकायत करने के बाद उसे अपने पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा। फिर जब उसने शहर भर में सीरियल किलिंग को अंजाम दिया तो 1992 में आंद्रे चिकातिलो को 52 मामलों में दोषी पाया गया था। जिसके बाद, फरवरी 1994 में आंद्रे चिकातिलो को उसके गुनाहों के लिए गोली मार दी गई थी।