मध्य प्रदेश से सामने आई एक चौंकाने वाली घटना में डाकघर के एक पोस्टमास्टर को गिरफ्तार किया गया है। पोस्टमास्टर पर आरोप है कि उसने डाकघर के करीब दो दर्जन बचत खाताधारकों द्वारा जमा किए गए पैसों का उपयोग आईपीएल सट्टेबाजी के लिए कर दिया। पोस्टमास्टर बीते दो सालों से इन खाताधारकों के पैसों का इस्तेमाल सट्टेबाजी के लिए कर रहा था, जिसमें उसने करीब 1 करोड़ रुपये गंवाए थे।
जानकारी के अनुसार, दो दर्जन परिवारों की जमापूंजी को सट्टेबाजी में झोंक देने वाले आरोपी पोस्टमास्टर की पहचान विशाल अहिरवार के रूप में हुई है। विशाल, सागर जिले के बीना डाकघर के उप डाकघर में पोस्टमास्टर के पद पर तैनात था। विशाल अहिरवार की गिरफ्तारी तब हुई थी, जब कुछ खाताधारकों ने पुलिस में शिकायत की थी कि उनके साथ धोखाधड़ी हुई है।
पुलिस के मुताबिक, विशाल अहिरवार ने आईपीएल के दौरान सट्टा लगाने के लिए पोस्ट ऑफिस की सावधि जमा (फिक्स डिपाजिट) में निवेश किए गए पैसे का इस्तेमाल किया। कथित तौर पर पकड़े जाने से पहले वह लगभग दो साल से खाताधारकों के पैसों को सट्टेबाजी में लगा रहा था। पुलिस ने बताया कि, अहिरवार खाताधारकों को सावधि जमा पासबुक जारी करता था, जिसमें उनकी जमा राशि लिखी होती थी; लेकिन असलियत में वे पैसे डाकघर के खाते में जमा होने के बजाए विशाल अहिरवार की जेब में चले जाते थे।
पुलिस ने बताया कि खाताधारकों की हजारों से लेकर लाखों तक की रकम को अहिरवार ने इस्तेमाल किया। धोखाधड़ी का पता तब चला जब कुछ खाताधारक अपनी जमापूंजी निकालने डाकघर पहुंचे थे। लेकिन जब डाकघर की तरफ से बताया गया कि उनके रिकॉर्ड में ऐसा कोई खाता मौजूद ही नहीं है तो लोगों के होश उड़ गए। शिकायतों के आधार पर अहिरवार को शुक्रवार को बीना राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने गिरफ्तार कर लिया।
बीना-जीआरपी ने कहा, “गिरफ्तार किए गए सब पोस्टमास्टर विशाल अहिरवार पर अभी धारा 420 आईपीसी (धोखाधड़ी) और 408 आईपीसी (आपराधिक विश्वासघात) के तहत मामला दर्ज किया गया है। आगे की जांच के नतीजे के आधार पर मामले में और धाराएं जोड़ी जा सकती हैं।” थाना प्रभारी अजय धुर्वे ने बताया कि आरोपी ने कथित तौर पर पिछले दो सालों में आईपीएल में दांव लगाने पर दो करोड़ से अधिक खर्च करने की बात कबूल की है।
थाना प्रभारी अजय धुर्वे के मुताबिक, जिस पोस्ट मास्टर विशाल अहिरवार पर खाताधारकों द्वारा जमा किए गए पैसों का उपयोग आईपीएल सट्टेबाजी का आरोप है; वह पहले भी निलंबित किया जा चुका है। यह जानकारी सामने तब आई थी, जब उसे शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया था। पहले निलंबन के दौरान अहिरवार खिमलासा के उप डाकघर में तैनात था, तब भी उस पर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगा था।