आज कहानी फ्रांसीसी सीरियल किलर की जिसने करीब 10 बच्चों की हत्या कर दी थी। इन मृत मासूमों में उसका भी बच्चा शामिल था। इस साइको किलर का नाम जीनी वेबर था। भारी मात्रा में ज्यादा समय तक शराब पीने के चलते जीनी वेबर मानसिक तौर पर अस्थिर हो गई थी। इन हत्याओं के मामले में उसे 1908 में दोषी ठहराया गया था और पागल घोषित कर दिया गया था।
जीनी वेबर का जन्म 7 अक्टूबर 1874 उत्तरी फ्रांस के एक छोटे से गांव में हुआ था। इस गांव में अधिकतर लोगों की जीविका मछली पालन पर ही निर्भर थी। जीनी वेबर, 14 साल की उम्र में घर छोड़कर पेरिस चली गई थी, जहां उसने 1893 में शादी कर ली थी। इस दौरान वेबर ने कई तरह की नौकरियां की। वेबर का पति एक शराबी था, जिसके चलते वह भी शराब पीने लगी थी। दोनों दम्पतियों के तीन बच्चे थे जिनमें से दो की साल 1905 में मौत हो गई थी।
जीनी वेबर ने 2 मार्च 1905 को अपनी ननद की 18 महीने की बेटी जॉर्जेट को अपना पहला शिकार बनाया था। वेबर ही एक मात्र महिला थी जो अपनी ननद की दोनों बेटियों की देखभाल करती थी। इसी दौरान घर पर जॉर्जेट अचानक “बीमार पड़ गई” और फिर उसकी मौत हो गई। उसकी गर्दन पर दम घोंटने जैसे निशान थे लेकिन डॉक्टर ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया। इसके बाद, वेबर ने दोबारा से 11 मार्च को ननद की दो साल की सुजैन को अपना शिकार बनाया, लेकिन इस बार डॉक्टर ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि बच्ची की मौत गला घोंट देने से हुई थी।
इसी क्रम में, वेबर ने 25 मार्च को अपने भाई की सात वर्षीय बेटी जर्मेन का गला घोटने का प्रयास किया पर वह बच गई। लेकिन अगले दिन ही उसने गला घोंट दिया। इस मौत का कारण डिप्थीरिया बताया गया। जीनी वेबर इन हत्याओं के बाद इतनी क्रूर हो चुकी थी कि उसने कुछ समय बाद कुछ और बच्चों की रुमाल और कपड़े की रस्सियों से गला घोंट कर हत्या कर दी थी।
जीनी वेबर पर अपने तीनों बच्चों समेत भाई व ननद के बच्चों की हत्या का आरोप लगा था। जीनी वेबर ने एक-एक करके 10 मासूम बच्चों की हत्या कर दी। 25 अक्टूबर 1908 को पुलिस ने जीनी वेबर को गिरफ्तार कर लिया गया था। फिर जब उसे कोर्ट में पेश किया गया तो उसे पागल करार देते हुए पागलखाने भेज दिया था। वह पागलखाने में रही लेकिन साल 1918 में वेबर ने पागलखाने में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी।