राजस्थान में जारी सियासी नूरा-कुश्ती के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत के घर और दुकान पर छापेमारी हुई। यह छापेमारी प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से बुधवार (22-07-2020) को की गई। दरअसल प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी कुछ साल पुराने उर्वरक घोटाले के सिलसिले में जरुरी सबूत तलाश रही है और इसी वजह से अग्रसेन गहलोत के ठिकानों पर छापेमारी की गई है। अग्रसेन गहलोत अनुपम कृषि नाम की एक कंपनी के मालिक हैं और इस कंपनी पर कस्टम विभाग ने मुकदमा भी चलाया था। इस कंपनी पर 7 करोड़ रुपए की पेनल्टी लगाई गई थी।

भारतीय जनता पार्टी ने नवंबर, 2017 में अग्रसेन गहलोत पर आरोप लगाया था कि उन्होंने 2007 और 2009 के बीच, जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, तब सब्सिडाइज़्ड फर्टिलाइज़र यानी उर्वरक का निर्यात किया था। बताया जाता है कि इस उर्वरक का निर्यात प्रतिबंधित है। MoP को देश में Indian Potash Limited आयातित करती है और फिर इसे सब्सिडाइज़ रेट पर किसानों को बेचा जता है।

अग्रसेन गहलोत पर आरोप है कि उन्होंने 2007-09 के बीच में जब वो IPL के ऑथराइज्ड डीलर थे, तब MoP सब्सिडाइज्ड रेट पर खरीदा और किसानों को बांटने के बजाय कुछ कंपनियों को बेच दिया, जिन्होंने फिर इसे इंडस्ट्रियल सॉल्ट का नाम देकर मलेशिया और सिंगापुर को भेज दिया। साल 2012-12 में Directorate of Revenue Intelligence ने सबसे पहले इस मामले का खुलासा किया था।

बताया जा रहा है कि ईडी की यह छापेमारी इस उर्वरक घोटाले से संबंधित है। बता दें कि इसके पहले अशोक गहलोत के करीबियों पर आयकर विभाग ने भी एक्शन लिया था। अशोक गहलोत के करीबियों के यहां कुछ दिन पहले आईटी विभाग ने छापेमारी की थी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ईडी ने राजस्थान में जोधपुर समेत 6 जगहों, पश्चिम बंगाल में दो जगहों, गुजरात में चार जगहों और दिल्ली में एक जगह पर छापेमारी की है। ईडी के मुताबिक, यह 150 करोड़ का घोटाला है।