महाराष्ट्र की पुणे सिटी पुलिस ने मारुति सुजुकी ईको कारों के साइलेंसर के कम से कम से आधा दर्जन चोरी और कैटेलिटिक कन्वर्टर्स से पीजीएम की धूल निकालने के मामलों में दो युवकों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक इन दोनों आरोपियों की उम्र 20 साल से करीब है। दरअसल, वाहनों में लगे कैटेलिटिक कन्वर्टर्स से प्लैटिनम, पैलेडियम और रोडियम की धूल अवैध बाजार में हजारों में बिकती है।
लोनी कालभोर पुलिस स्टेशन के अधिकारी के अनुसार, साल 2021 और 2022 के बीच मारुति ईको मल्टी यूटिलिटी व्हीकल्स (एमयूवी) के साइलेंसर चोरी के कम से कम छह अलग-अलग दर्ज चोरी के मामले में टीम जांच कर रही थी। पुलिस टीम इस पूरे मामले को समझने के लिए अलग-अलग सूत्रों से जानकारी इकट्ठा कर रही थी। तभी उन्हें पता चला कि प्लेटिनम, पैलेडियम और रोडियम जैसी धातुओं से बने कैटेलिटिक कन्वर्टर्स की धूल को अवैध बाजार में बहुत अधिक कीमत पर बेचा जाता है।
मामले में जांच के दौरान 16 अप्रैल को थाने की डिटेक्शन ब्रांच की एक टीम को इस तरह की चोरी में शामिल संदिग्धों के बारे में सुराग मिले। इसी बीच उन्हें मुखबिरों से सूचना मिली थी कि इस धंधे से जुड़े कुछ संदिग्ध उरुली देवाची इलाके में आ रहे हैं। ऐसे में पुलिस ने योजना बनाई और फिर एक कार से जा रहे दो संदिग्धों को हिरासत में ले लिया गया। पुलिस ने उनके कब्जे से धातु की धूल भी जब्त की और आगे की जांच में पता चला कि यह दर्जन भर साइलेंसर्स से निकाली गई थी।
पुलिस ने संदिग्धों की पहचान शिवप्रसाद रोकड़े और राम ढोले के रूप में की है। यह दोनों अलंदी के निवासी हैं और एक कार को जब्त कर लिया है, जिसका इस्तेमाल वे चोरी को अंजाम देने के लिए कर रहे थे। वहीं, पुलिस अन्य मामलों में भी उनकी भूमिका की जांच कर रही है। लोनी कालभोर थाने के प्रभारी वरिष्ठ निरीक्षक राजेंद्र मोकाशी ने कहा, गिरफ्तार किए गए दोनों युवकों का किसी भी आपराधिक गतिविधि का कोई पूर्व रिकॉर्ड नहीं है।
पुलिस के अनुसार, गिरफ्तारी के बाद हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि इन साइलेंसर से एकत्रित धातु की धूल को आगे कैसे बेचा जा रहा था और क्या आरोपी का कोई और भी साथी है। अधिकारियों ने कहा कि उन्हें शक है कि इसके पीछे एक रैकेट चल रहा है, जिसकी सप्लाई चेन भारत के कई शहरों में फैली हुई है। इन विशिष्ट साइलेंसर की ही चोरी पर एक अधिकारी ने कहा, देश में मौजूदा उत्सर्जन मानदंड के तहत सभी नए वाहनों के साइलेंसर में कनवर्टर लगाया जाता है।
साइलेंसर के अंदर यह कनवर्टर प्रदूषण के कारकों को फ़िल्टर करता है, जिसमें प्लेटिनम, रोडियम और पैलेडियम को पेंट किया जाता है। मारुती सुजुकी ईको नई गाड़ियों में यह धातु अधिक मात्रा होती है, इसीलिए चोरों के निशाने पर रहता है। पुलिस ने बताया कि अवैध बाजार में तीनों धातुओं की मिश्रित धूल 3,000 रुपये प्रति ग्राम बिक रही है। बता दें कि, मुंबई और गुजरात में पहले भी कई जगहों से साइलेंसर की इसी तरह की चोरी की खबरें आ चुकी हैं।