राजस्थान के उदयपुर में 28 जून को दर्जी कन्हैया लाल की निर्मम हत्या कर दी गई थी। इसी बीच महाराष्ट्र के अमरावती से भी एक मामला सामने आया है, जो कि उदयपुर हत्याकांड से एक हफ्ते पहले का है। यहां एक 54 वर्षीय केमिस्ट उमेश प्रहलादराव कोल्हे की 21 जून को हत्या कर दी गई थी। इस मामले में जांच कर रही टीम का मानना है कि कोल्हे को कथित तौर पर नुपूर शर्मा का समर्थन करने वाली एक सोशल मीडिया पोस्ट के बदले में मारा गया था। अब इस मामले की जांच भी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) करेगी।

क्या है मामला: द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 54 वर्षीय केमिस्ट उमेश प्रहलादराव कोल्हे 21 जून को अपनी दुकान ‘अमित मेडिकल स्टोर’ बंद करके घर जा रहे थे। उनके साथ उनका बेटा संकेत और बहू वैष्णवी भी दूसरी गाड़ी से चल रहे थे। रात में 10 से 10.30 बजे के बीच हुई इस घटना में मोटरसाइकिल पर सवार दो लोगों ने अचानक उमेश की गाड़ी रोककर चाकू से हमला बोल दिया था। फिर एक दूसरा शख्स बाइक से आया और तीनों मौके से भाग निकले थे।

इस मामले में मृतक उमेश कोल्हे के बेटे संकेत कोल्हे ने शिकायत की थी। संकेत ने अपनी शिकायत में पुलिस को बताया, वह लोग प्रभात चौक से जा रहे थे और जैसे ही उनकी बाइक महिला कॉलेज न्यू हाई स्कूल के गेट पर पहुंची तो दो लोगों ने पिता जी की गाड़ी रोकी और गर्दन पर चाकू मार दिया। जब तक वहां पहुंचा तब तक हमलावर भाग निकले। स्थानीय लोगों की मदद से वह अपने पिता को अस्पताल ले गए, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया।

इतने आरोपी हुए अरेस्ट: संकेत की शिकायत के बाद अमरावती सिटी कोतवाली पुलिस स्टेशन द्वारा शुरुआती जांच के आधार पर 23 जून को मुद्दसिर अहमद और शाहरुख पठान नाम के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। जब उनसे पूछताछ की गई तो पता चला कि इस घटना में चार और लोग शामिल है। जिनमें से अब्दुल तौफिक, शोएब खान और अतिब राशिद को 25 जून को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन शमीम अहमद फिरोज अहमद फरार है।

पैगंबर का अपमान यानी मौत: इस मामले में अमरावती शहर पुलिस के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, पांच आरोपियों ने पूछताछ में बताया है कि उन्होंने एक अन्य आरोपी से मदद मांगी थी, जिसने उन्हें एक कार और दस हजार रुपए की मदद दी थी। अधिकारी के मुताबिक, आरोपियों को रेकी, निगरानी और वारदात को अंजाम देने जैसे अलग-अलग काम फरार आरोपी के द्वारा सौंपे गए थे।

अधिकारी ने बताया कि अभी तक की जांच में पता चला कि कोल्हे ने व्हाट्सएप पर नूपुर शर्मा का समर्थन करते हुए एक सोशल मीडिया पोस्ट साझा किया था। उन्होंने इस पोस्ट को उस ग्रुप में भी साझा कर दिया, जिसमें कुछ मुस्लिम सदस्य भी शामिल थे, यह सभी कोल्हे के ग्राहक भी थे। वहीं गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से एक ने कहा कि पैगंबर का अपमान करने वाले को मरना ही चाहिए।

खुशमिजाज इंसान थे उमेश कोल्हे: द इंडियन एक्सप्रेस द्वारा पूछे गए सवाल (“क्या उनके पिता की हत्या सोशल मीडिया पोस्ट के कारण हो सकती है?”) पर संकेत ने कहा मेरे पिता बहुत खुशमिजाज इंसान थे। उन्होंने कभी दूसरे व्यक्ति को अपशब्द नहीं कहा और ही उनका किसी राजनीतिक दल से लेना देना था। संकेत ने बताया कि मैंने भी सुना है कि उनकी हत्या सोशल मीडिया पोस्ट के चलते हुई है लेकिन मैंने मोबाइल चेक तो कुछ भी आपत्तिजनक नहीं पाया। हालांकि, इस बातचीत में संकेत ने यह जरूर कहा कि उनके पिता की हत्या डकैती के लिए तो नहीं की गई थी। बाकी वारदात का मकसद पुलिस ही बता पाएगी।”

हथियार-बैंक डिटेल जब्त: पुलिस ने इस हत्या को अंजाम देने में शामिल हर एक वस्तु को (चाकू, मोबाइल फोन, गाड़ी और कपड़े) जब्त कर लिया है। साथ ही घटना स्थल से सीसीटीवी फुटेज हासिल कर फॉरेंसिक लैब भेज दिया गया है जहां जांच जारी है। इसके अलावा सभी गिरफ्तार आरोपियों और उनके परिजनों के बैंक खाते हासिल कर लेनदेन संबंधी जांच की जा रही है।