साल 2012, तारीख 02 मार्च, जगह दक्षिण मुंबई… एक बिल्डिग के कमरे से बदबू आ रहा था। पड़ोसियों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। मौके पर पुलिस पहुंची देखा तो वहां एक वरिष्ठ नागरिक की लाश पड़ी थी। पुलिस ने एस हत्याकांड की गुत्थी को कूड़े में फेंकी गई फटी हुई टिकट से लगाया। चलिए आपको बताते हैं कि कैसे इस छोटे से सुराग ने कैसे पुलिस को आरोपी तक पहुंचाया।

मुंबई के मस्जिद क्षेत्र में आयश एडम बिल्डिंग में रहने वाले लोगों को कमरा नंबर 9 से बदबू आ रही थी। उन्होंने इसकी पुलिस को सूचना दी।। पुलिस ने दरवाजा तोड़ा तो देखा कि 72 साल के अल्लारखा इब्राहिम सिद्दी का शव पड़ा हुआ था। जांच करने के बाद पुलिस ने बताया था कि बेल्ट से गला घोंटकर बुजुर्ग की हत्या कर दी गई थी। वह बेल्ट क्राइम सीन से बरामद हुआ था।

शुरुआती जांच से पता चला है कि गुजरात के रहने वाला सिद्दी का एक रिश्तेदार कभी-कभार मुंबई आता था और उनके साथ घर में रुकता था। पुलिस ने पड़ोसियों से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि सिद्दी 28 फरवरी को एक युवक के साथ मुंबई आया था। इस युवक के बारे में किसी को कुछ नहीं पता था। वहीं घटना के बाद वह कहीं नजर नहीं आया। सिद्दी का मोबाइल फोन भी गायब था।

कूड़े में पड़ा हुआ था टिकट

क्राइम सीन की जांच करते समय पुलिस निरीक्षक पद्माकर चव्हाण की नजर कूड़े में एक फटे हुए रेलवे टिकट पर पड़ी। टिकट जनरल डिब्बे का था और उस पर अहमदाबाद और मुंबई सेंट्रल के बीच दो यात्रियों की यात्रा की तारीख 27 फरवरी थी।

चव्हाण ने बिना समय बर्बाद किए अहमदाबाद रेलवे स्टेशन पर एक टीम भेजी और उनसे जनरल डिब्बे के उस वीडियो की जांच करने को कहा। पुलिस टीम ने केवल मुंबई जाने वाली उन ट्रेनों के वीडियो की जांच की जो सिद्दी द्वारा टिकट खरीदने के समय के बाद जाने वाली थीं।

पुलिस टीम ने सिद्दी को ट्रेन में चढ़ने की कोशिश करते हुए देखा। जिसकी पहचान उनके दूर के एक रिश्तेदार ने की। उनके साथ एक युवक नजर आया लेकिन उसका चेहरा साफ नहीं था। यहां तक ​​कि सीसीटीवी कैमरे भी उसका चेहरा नजर नहीं आ रहा था।

इसके बाद पुलिस टीम सिद्दी के गांव मंडल गई। गांव के लोगों से पूछताछ करने पर पुलिस को पता चला कि सिद्दी गरीब था और वह अक्सर लोगों से पैसे उधार लेता था। ग्रामीणों ने पुलिस को बताया कि हनीफ नाम का युवक अक्सर सिद्दी के साथ रहता था। जब पुलिस ने ग्रामीणों को अहमदाबाद रेलवे स्टेशन के वीडियो में दिख रहे युवक की तस्वीर दिखाई तो उन्होंने बताया कि यह हनीफ ही है। हनीफ दीवान 20 साल का था। वह उसी गांव में मैकेनिक का काम करता था। इसके बाद पुलिस ने उसे पकड़ लिया।

पूछताछ के दौरान दीवान ने कथित तौर पर स्वीकार किया कि उसने सिद्दी की हत्या की है। पुलिस के मुताबिक, दीवान ने बताया कि वह सिद्दी को पिछले पांच सालों से जानता है। दीवान ने एक बार क्रिकेट पर दांव लगाया था। जब सिद्दी को इस बात का पता चला तो उसने उसे कथित तौर पर उसे ब्लैकमेल करने लगा और 10,000 रुपये मांगने लगा। सिद्दी ने उसके पिता को बताने की धमकी दी। दीवान ने कथित तौर पर पुलिस को बताया कि उसने सिद्दी को 10,000 रुपये दिए थे लेकिन सिद्दी ने कभी पैसे वापस नहीं किए।

बेल्ट से गला घोंटकर की हत्या

पुलिस के अनुसार, फरवरी में दीवान ने सिद्दी से अपने पैसे मांगे। सिद्दी ने उसे अपने साथ मुंबई चलने को कहा और कहा कि वह उसके पैसे वहीं लौटा देगा। मुंबई में जब दीवान ने सिद्दी से पैसे के बारे में पूछा तो उसने कथित तौर पर उसे इग्नोर कर दिया और बात बदल दी। पुलिस का दावा है कि इससे गुस्साए दीवान ने सिद्दी की बेल्ट से गला घोंटकर हत्या कर दी।

हत्या करने के बाद दीवान ने सबूत मिटाए और गांव चला गया। दीवा ने सिद्दी का फोन नदी में फेंक दिया था। हालांकि फटा हुआ रेलवे टिकट वहीं छूट गया। उसी टिकट की मदद से पुलिस हत्यारे दीवान तक पहुंची।