मुंबई पुलिस ने मंगलवार को कथित फोन टैपिंग मामले में एस्प्लेनेड कोर्ट में मजिस्ट्रेट के समक्ष भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की वरिष्ठ अधिकारी रश्मि शुक्ला के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया। बता दें कि, इसी तरह की प्राथमिकी पुणे में भी शुक्ला के खिलाफ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले के फोन कॉल टैप करने के लिए दर्ज की गई है, लेकिन उनके खिलाफ यह पहली चार्जशीट है।

मुंबई पुलिस ने बताया कि चार्जशीट लगभग 750 पेज लंबी है, जिसमें उन्होंने 18 अहम गवाहों के बयान और अन्य दस्तावेजी सबूत शामिल किए हैं। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त राजीव जैन (विशेष शाखा) की शिकायत पर कोलाबा पुलिस ने चार मार्च को शुक्ला के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इसमें आईपीसी की धारा 165 और टेलीग्राफ अधिनियम की धारा 26 के तहत मामला दर्ज किया गया था। फिर बॉम्बे हाई कोर्ट के निर्देश पर पुलिस ने 16 और 23 मार्च को शुक्ला का बयान दर्ज किया था।

पुलिस को जांच के दौरान पता चला कि रश्मि शुक्ला ने शिवसेना नेता संजय राउत और राकांपा के एकनाथ खडसे की फोन पर हुई बातचीत को टैप करने से पहले सरकार को पत्र लिखकर अनुमति मांगी थी। उन्होंने पत्र में, संजय राउत और एकनाथ खडसे के नामों को क्रमशः ‘एस. रहाते’ और ‘खड़ासे’ में बदल दिए थे। इसमें आरोप लगाया गया था कि उनके फोन टैप करना महत्वपूर्ण था, क्योंकि वे असामाजिक गतिविधियों में शामिल थे।

मुंबई पुलिस द्वारा दायर की गई चार्जशीट में गवाह के तौर पर राउत और खडसे के बयानों को भी शामिल किया गया है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि 18 गवाहों में से एक सहायक पुलिस आयुक्त भी है, जिसने शुक्ला के अधीन काम किया है। उस समय रश्मि शुक्ला राज्य खुफिया विभाग (एसआईडी) आयुक्त के रूप में कार्यरत थी। उन्होंने कहा कि अधिकारी मामले में एक महत्वपूर्ण गवाह है।

एक अधिकारी ने कहा, “हमने कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज भी संलग्न किए हैं, जो साबित करते हैं कि फोन टैपिंग पूरी तरह से निहित स्वार्थ के साथ की गई थी।” जांच में यह भी पता चला है कि खडसे के निजी सहायक और एक अन्य एनसीपी कार्यकर्ता के फोन भी टैप किए गए थे। पुलिस ने प्राथमिकी और चार्जशीट में आईपीसी की धारा 465 (जालसाजी के लिए सजा) और 471 को जोड़ते हुए शुक्ला पर जालसाजी का भी आरोप लगाया है।

साल 2021 के बीच के महीनों में महा विकास अघाड़ी सरकार ने रश्मि शुक्ला के खिलाफ फोन टैपिंग के आरोपों की जांच के लिए तत्कालीन डीजीपी संजय पांडे की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति नियुक्त की थी। जो वर्तमान में मुंबई पुलिस आयुक्त (पुलिस कमिश्नर) है। समिति ने नाना पटोले के फोन कॉल टैप करने में भी रश्मि शुक्ला की भूमिका को पाया है, जिसमें 25 फरवरी को पुणे में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। ज्ञात हो कि, जब शुक्ला पर फोन करने का आरोप लगाया गया था; तब वह मार्च 2016 और जुलाई 2018 के बीच पुणे सिटी पुलिस कमिश्नर थी।