मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच द्वारा शहर में मोबाइल फोन चोरी रैकेट से जुड़े एक शख्स की गिरफ्तारी के बाद यह सामने आया है कि शहर में इस रैकेट का लिंक पड़ोसी देश बांग्लादेश से है। इसी कड़ी में यह भी पता चला है कि शहर की कुछ कूरियर कंपनियां और इंडो-बांग्ला बॉर्डर के पास रहने वाले कुछ ग्रामीण पड़ोसी देश में चोरी किए गए सेलफोन की तस्करी में मदद कर रहे हैं।

मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने सेलफोन चोरी रैकेट के मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार कर 22 लाख रुपए के कीमत के 135 चोरी हुए सेलफोन बरामद किए थे। गिरफ्तार किए आरोपियों के बयान के आधार पर फिर तीन और लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें एक त्रिपुरा का रहने वाला ग्रामीण है जो सीमा के करीब रहता है।

पुलिस ने कहा कि त्रिपुरा में सीमा के करीब रहने वाले ग्रामीण ने बताया कि कैसे चोरी किए गए मोबाइल फोन की बांग्लादेश में तस्करी कैसे की जाती है।अधिकारी ने बताया कि इस पूरे रैकेट के खेल में पहले मुंबई से मोबाइल फोन चोरी किए जाते हैं, फिर उनकी फोटो और डिटेल्स एक व्हाट्सएप ग्रुप पर अपलोड किए जाते हैं, जिसमें बांग्लादेश और कभी-कभी नेपाल के लोग होते हैं। जो लोग इन चोरी के फोन में दिलचस्पी दिखाते हैं, उसे बांग्लादेश के लिए डिब्बों में पैक किया जाता है।

अधिकारी ने कहा कि इन डिब्बों को दक्षिण मुंबई स्थित एक कूरियर कंपनी को भेजा जाता है जिसमें अगरतला, त्रिपुरा का पता होता है। इसके बाद, अगरतला में रहने वाले आरोपी इस ऑर्डर को लेते हैं और झरझरा के रास्ते भारत-बांग्लादेश सीमा से पार करा दिया जाता था। अधिकारियों ने बताया कि बांग्लादेश में भी ऐसे तीन लोगों की पहचान की गई है, जिनका काम चोरी के इन फोन को इकट्ठा करना और उन्हें अपने देश में बेचना है।

अधिकारी ने कहा “रैकेट से जुड़े अपराधी इन मोबाइल फोन को भारत के बाहर बेचते हैं ताकि उन्हें फोन के IMEI नंबर को बदलने के लिए पैसे खर्च करने की जरूरत न पड़े। एक बार जब फोन दूसरे देश में चला जाता है, तो एजेंसियों के लिए IMEI नंबर अधिक उपयोगी नहीं होता है। उन्होंने कहा कि हाल ही में IMEI नंबर मिटाने वाले संदिग्धों पर कार्रवाई के चलते अपराधी इन फोन को सीमा पार भेजना पसंद करते हैं।

अधिकारी ने बताया कि “अब तक उन्होंने एक करोड़ के चोरी के मोबाइल फोन बरामद किए हैं। क्राइम ब्रांच ने मॉड्यूल के जुड़े हुए तीन बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान की है, जो बांग्लादेश में इस काम को अंजाम देते थे। अधिकारी के अनुसार, अब वह इस संबंध में बांग्लादेशी अधिकारियों से मदद लेने की तैयारी कर रहे हैं, ताकि इन लोगों पर कार्रवाई कर सकते हैं।”