New Criminal Laws: संसद के मानसून सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को केंद्र सरकार ने देश के संपूर्ण आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार के लिए सदन के सामने तीन नए विधेयक पेश किए। भारतीय दंड संहिता (IPC), आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (IAA) में बदलाव पिछले 70 वर्षों में किसी सरकार द्वारा किए गए आपराधिक कानूनों में सबसे बड़ा बदलाव है। इसमें बलात्कार और यौन उत्पीड़न से संबंधित कानूनों में महत्वपूर्ण बदलाव प्रस्तावित किए गए हैं। नए कानून के कुछ प्रावधानों को देखकर इसे लव जिहाद के खिलाफ सख्त कदम भी बताया जा रहा है।

नए विधेयक महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों को समर्पित एक नया अध्याय

देश में नए आपराधिक कानून बनाने के लिए लोकसभा में नए विधेयक के हिस्से के रूप में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों को समर्पित एक नया अध्याय जोड़ा गया है। प्रस्तावित कानूनों के तहत अपनी गलत पहचान बताकर किसी अन्य के साथ यौन संबंध बनाने वालों पर मुकदमा चलाया जाएगा। समाज के कुछ वर्गों ने झूठे नामों के तहत अंतरधार्मिक विवाह के मामलों में “पहचान छिपाकर शादी करने” के विशिष्ट प्रावधान की ओर इशारा किया है।

धोखे से, शादी का वादा करके, पहचान छिपाकर या गंदे इरादे से किए अपराध की सजा

नए विधेयक में जिक्र किया गया है कि धोखे से यौन संबंध बनाना या शादी का वादा करना और उसे पूरा करने का इरादा नहीं रखना, ऐसे में यौन संबंध बनाना बलात्कार की श्रेणी में नहीं आता है तो भी दंडनीय होगा। नए आपराधिक कानूनों के तहत इसमें अधिकतम 10 साल की कैद का प्रस्ताव किया गया है। “जो कोई भी धोखे से या गंदे इरादे से किसी महिला से शादी करने का वादा करता है और उसके साथ यौन संबंध बनाता है, ऐसा यौन संबंध बलात्कार के अपराध की श्रेणी में नहीं आता है, तो उसे दोनों में से किसी भी तरह के कारावास से दंडित किया जाएगा।

प्रस्तावित नए कानून में 10 साल कैद की सजा, लगाया जा सकता है जुर्माना

प्रस्तावित नए कानून में कहा गया है कि इसकी अवधि दस साल तक बढ़ सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है। “धोखाधड़ी वाले साधन” वाले वाक्य को रोजगार या पदोन्नति या प्रलोभन या “पहचान छिपाकर शादी करने” का झूठा वादा शामिल करने के लिए परिभाषित किया गया है। भारतीय दंड संहिता में इस तरह के अपराध से निपटने के लिए कोई विशिष्ट प्रावधान नहीं है, लेकिन आईपीसी की धारा 90 में उल्लेख किया गया है कि अगर किसी महिला को “तथ्य की गलत जानकारी” है, तो यह नहीं कहा जा सकता कि उसने शाररिक संबंध के लिए सहमति दी है।

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धार्मिक पहचान के बारे में झूठ बोलने वाले व्यक्ति भी कानून के दायरे में लाया जाएगा

हालाँकि, प्रस्तावित कानून स्पष्ट रूप से इसे अपराध बताता है कि अगर कोई पुरुष किसी महिला के साथ “धोखेबाज़ तरीकों” से या उसे पूरा करने के इरादे के बिना उससे शादी करने का वादा करके यौन संबंध बनाना चाहता है। चूँकि “पहचान को दबाने” को “धोखेबाज साधनों” की परिभाषा में शामिल किया गया है, एक महिला के साथ यौन संबंध बनाने के लिए अपनी धार्मिक पहचान के बारे में झूठ बोलने वाले व्यक्ति को भी कानून के दायरे में लाया जाएगा।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- महिलाओं, बच्चों और राज्य की सुरक्षा को प्राथमिकता

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को तीन विधेयक पेश किए जो देश में औपनिवेशिक युग के कानूनों की जगह लेंगे। तीन विधेयक- भारतीय न्याय संहिता (BNS) विधेयक, 2023; भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) विधेयक, 2023; और भारतीय साक्ष्य (BS) विधेयक, 2023- क्रमशः भारतीय दंड संहिता, 1860, आपराधिक प्रक्रिया अधिनियम, 1898 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 को प्रतिस्थापित करना चाहते हैं। गृह मंत्री ने कहा कि प्रस्तावित कानूनों में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध, हत्या और राज्य के खिलाफ अपराधों को प्राथमिकता दी गई है।