मध्य प्रदेश का एक जिला है सतना। इसी जिले के एक गांव में रहती थीं सुरभि गौतम। सुरभि बचपन से एक जॉइंट फैमिली में रहीं। बचपन से ही पढ़ने-लिखने में होशियार सुरभि की शुरुआती पढ़ाई-लिखाई हिंदी मीडियम से हुई। इन दिनों वो टॉपर भी बनीं। इंटरमीडिएट करने के बाद उन्होंने इंजीनियरिंग का एंट्रेस एग्जाम भी पास किया। चूकि सुरभि की पढाई-लिखाई का आधार हिंदी था और उन्हें कॉलेज में धारा प्रवाह अंग्रेजी बोलने में दिक्कत होती थी। इस परेशानी की वजह से वो टीचरों से बात करने में कतराती थीं। सुरभि जब पांचवीं क्लास में थीं तब उन्होंने गणित विषय में 100 में 100 अंक हासिल किये थे। उनकी कॉपी को देखकर उस वक्त उनके शिक्षक ने उनकी तारीफ की थी और कहा था कि वो जिंदगी में बड़ा मुकाम हासिल कर सकती हैं।
दसवीं क्लास में सुरभि ने गणित के साथ ही साइंस विषय में भी 100 अंक हासिल किये। उस वक्त जब एक साक्षात्कार में सुरभि से पूछा गया था कि वो बड़ा होकर क्या बनना चाहती हैं तब उन्होंने बेफिक्र होकर कहा था कि मैं कलेक्टर बनूंगी। होनहार सुरभि को एपीजे अब्दुल कलाम स्कॉलरशिप भी मिली।
जिसके बाद वो अपने गांव से बाहर जाकर पढ़ने वाली पहली लड़की बनीं। लेकिन कॉलेज में उन्हें फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने में दिक्कत होती थी जिसकी वजह से उन्हें कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ा। लेकिन अपनी मेहनत से उन्होंने इस मुश्किल को भी पार कर लिया। दिलचस्प बात यह भी है कि इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद सुरभि ने कई प्रतियोगी परीक्षाएं पास कर लीं। उन्होंने गेट, इसरो, दिल्ली पुलिल, एफसीआई, एसएससी सीजीएल की परीक्षाएं पास कर अपना लोहा मनवाया था।
इतना ही नहीं अंग्रेजी की अपनी समस्या को भी उन्होंने धीरे-धीरे कर दूर कर लिया था। इसके बाद साल 2016 में सुरभि यूपीएससी की परीक्षा में शामिल हुईं। उनहोंने बेहतरीन अंकों के साथ यह परीक्षा पास कर ली और आईएएस अफसर बन अपने सपनों को साकार कर लिया।