Lockdown 4.0 Guidelines Violated In Funeral of Dadda Ji: अब मध्य प्रदेश में लॉकडाउन के चौथे चरण को लेकर बनाए गए गाइडलाइंस का उल्लंघन हुआ है। जाने-माने धार्मिक गुरु देव प्रभाकर शास्त्री ‘दद्दा जी’ के अंतिम संस्कार में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। इस दौरान सोशल डिस्टेन्सिंग के नियमों का जमकर उल्लंघन हुआ। आपको बता दें कि हाल ही में गृह मंत्रालय ने Lockdown 4.0 के लिए गाइडलाइन जारी किया है। इस गाइडलाइन के तहत अंतिम संस्कार में 20 से ज्यादा लोगों के शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई है। साथ ही साथ यह भी कहा गया है कि इस दौरान सोशल डिस्टेन्सिंग का भी सख्ती से पालन करना होगा।

‘दद्दा जी’ का निधन रविवार को हुआ था। उन्हें किडनी और लीवर से संबंधित बीमारी थी। ‘दद्दा जी’ के इस ‘वीआईपी अंतिम संस्‍कार’ में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस के कई नेताओं के अलावा बॉलीवुड हस्तियां और कुछ धार्मिक गुरु भी शामिल हुए।

बीजेपी के नेता संजय पाठक, बॉलीवुड एक्टर आशुतोष राणा औऱ राजपाल यादव जैसी हस्तियां ‘दद्दा जी’ के ‘वीआईपी अंतिम संस्‍कार’ में शामिल हुईं। अंतिम संस्कार में शामिल लोगों में कांग्रेस के मौजूदा विधायक लखन घनघोरिया भी थे। पूरे राजकीय सम्मान के साथ ‘दद्दा जी’ का अंतिम संस्कार हुआ था।

82 साल के ‘दद्दा जी’ का इलाज दिल्ली में चल रहा था। वहां उनकी हालत खराब होने के बाद एक्टर आशुतोष राणा और एमपी के पूर्व मंत्री संजय पाठक उन्हें लेकर कटनी आए थे।कैलाश विजयवर्गीय, पूर्व सीएम कमलनाथ और दिग्विजय सिंह जैसे बड़े नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया था।

देव प्रभाकर शास्त्री ‘दद्दा जी’ के परिवार में तीन बेटे और दो बेटियां हैं। उनकी पत्नी का पहले ही निधन हो चुका है। संत का अंतिम संस्कार सोमवार को शहर के बाहरी इलाके दद्दाधाम में किया गया।

कौन थे  ‘दद्दा जी’? ‘दद्दा जी’ का जन्म बारडोली की धरा के गांव कूड़ा मर्दानगढ़ में हुआ था। वह करपात्री महाराज के शिष्य थे। ‘दद्दा जी’ ने नारायण संस्कृत महाविद्यालय कटनी से संस्कृत की शिक्षा ली थी।

प्रकांड विद्वान कहे जाने वाले ‘दद्दा जी’ ने संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी में वेद-वेदांगों का अध्ययन किया था। धर्म-कर्म के कार्यों के लिए ‘दद्दा जी’ को जाना जाता था। विशेष तौर पर वो रुद्राभिषेक (एक प्रकार की पूजा) के लिए जाने जाते थे।