दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में अपराध के लिए कुख्यात काला जठेड़ी को बीते साल दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने सहारनपुर से गिरफ्तार कर लिया था। काला के साथ एक और लड़की को गिरफ्तार किया गया था, जिसका नाम अनुराधा चौधरी बताया गया था। ऐसे में आज हम बताते हैं कि अनुराधा चौधरी एक लेडी डॉन कैसे बनी! क्योंकि इस लेडी डॉन को मैडम मिंज के नाम से भी जाना जाता है।
राजस्थान के सीकर से आने वाली लेडी डॉन अनुराधा चौधरी की मां का निधन कम उम्र में ही हो गया था और पिता रोजगार के कारण दिल्ली में रहते थे। परिवार के साथ पली-बढ़ी अनुराधा चौधरी की शुरुआती पढ़ाई अच्छी रही। स्कूलिंग ख़त्म करने के बाद अनुराधा ने बीसीए (BCA) की पढ़ाई की और मनपसंद शादी कर ली।
सीकर में ही रहने वाले बिजनेसमैन फेलिक्स दीपक मिंज से शादी करने वाली अनुराधा चौधरी ने शेयर मार्केट (Share Market) और शेयर ट्रेडिंग के काम को आगे बढ़ाया। पति के साथ काम करने वाली अनुराधा चौधरी ने शुरुआत में शेयर मार्केट के काम में खूब मुनाफ़ा कमाया। लेकिन थोड़े दिनों बाद ही बिजनेस में करोड़ों का घाटा हो गया और वह भारी कर्ज में डूब गए। इसके बाद अनुराधा और दीपक ने जिन लोगों के पैसे शेयर मार्केट में लगवाए थे, अब वो भी पैसे मांगने लगे थे।
बिजनेस में नुकसान के चलते अनुराधा ने अपने रास्ते को अपराध की ओर मोड़ लिया। कर्ज के दबाव के चलते वह सीकर के हिस्ट्रीशीटर बलबीर बानूड़ा से मिली, लेकिन काम नहीं बना। हालांकि, बलबीर ने उसे कुख्यात आनंद पाल से जरूर मिलवा दिया था। वहीं जब दीपक मिंज को उसके संपर्कों के बारे में पता चला तो वह उससे अलग हो गया। दीपक से शादी के बाद ही अनुराधा को लोग “मैडम मिंज” के नाम से जानते थे।
कुख्यात अपराधी आनंद पाल से संपर्क में आने के बाद अनुराधा चौधरी का रुतबा बढ़ गया और वह लेडी डॉन मैडम मिंज कहलाने लगी। अब अनुराधा ही आनंद पाल के सारे अपराधों का प्लान बनाती और काम को अंजाम देने में साथ देती। बताते हैं कि अनुराधा के संपर्क में आने के चलते ही आनंद पाल सिंह का हुलिया बदल गया था। आनंद पाल ने अनुराधा से ही अंग्रेजी सीखी थी और स्टाइलिश बन गया था। कुख्यात अपराधी के साथ रहते ही अनुराधा ने एके-47 चलाने की ट्रेनिंग ली थी।
अपराध की दुनिया में आनंदपाल का साथ मिलने के बाद वह अपहरण करने में एक्सपर्ट हो गई। इसके बाद उसे सीकर के एक व्यापारी की किडनैपिंग के चलते इनामी बदमाश भी घोषित किया गया था और तब उस पर 5000 का इनाम रखा गया था। इसके अलावा साल 2006 में चर्चित जीवन राम गोदारा हत्याकांड के मुख्य गवाह प्रमोद के भाई इंद्रचंद्र के अपहरण में भी अनुराधा चौधरी को मुख्य किरदार माना गया था। साल 2014 में अंजाम दिए गए इस जुर्म के बाद वह इंद्रचंद्र को लेकर पुणे चली गई थी, लेकिन पुलिस की छापेमारी के बाद उसे वहां से भागना पड़ा था।
साल 2017 में आनंद पाल के एनकाउंटर के बाद वह अकेली हो गई थी, तभी वह गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई के संपर्क में आ गई और दिल्ली चली आई। लॉरेंस के साथ काम करते-करते ही वह काला जठेड़ी से मिली थी। जब काला और अनुराधा को सहारनपुर से पकड़ा गया तो पुलिस ने बताया था कि यह दोनों नेपाल जाने के फिराक में थे, साथ ही फरारी के दौरान अनुराधा ही काला के गैंग को ऑपरेट कर रही थी।
जुर्म की दुनिया के कुख्यात गैंगस्टर काला जठेड़ी के साथ गिरफ्तार हुई लेडी डॉन के ऊपर 10 केस दर्ज है, जिनमें से अधिकतर अपहरण, जबरन वसूली और फिरौती के मामले हैं। अनुराधा चौधरी पर पहला मामला साल 2013 में दर्ज हुआ था, जिसमें इस लेडी डॉन ने एक व्यापारी से रंगदारी मांगी थी। इसके अलावा कई सालों से वांछित होने के चलते उस पर इनाम बढ़ाकर 10,000 रुपये का कर दिया गया था।