भारत के दुश्मन चाहें पाकिस्तान में शरण लिए हों या फिर कनाडा में…उनकी गैंगवार में हत्या हुई है। लागातार हो रही इन हत्याओं ने दुनिया भर में खलबली मचा दी। आतंकी और खालिस्तानियों की नींद उड़ी हुई है। ताजा जानकारी यह है कि कनाडा में गैंगस्टर सुखदूल सिंह उर्फ सुक्खा दुनिके की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। यह हत्या तब हुई है जब भारत और कनाडा के बीच तानातनी बनी हुई है। दरअसल, सुक्खा A कैटेगरी का गैंगस्टर था। वह एनआईए (NIA) की वांटेड लिस्ट में भी शामिल था। सुक्खा दुनिके खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप सिंह का करीबी था। वह विदेश में रहकर भारत में क्राइम करवाता था। ऐसा पहली बार नहीं है कि भारत के दुश्मन की विदेश में हत्या हई है इसके पहले भी आतंकियों और अपराधियों की हत्याएं होती रही हैं।

खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या

सुक्खा की हत्या ऐसे समय में हुई है जब खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या का मामला शांत भी नहीं हुआ था। निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा में विवाद बना हुआ है। जून में निज्जर की कनाडा के एक गुरुद्वारे की पार्किंग में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कनाडा ने इस हत्या में भारतीय एजेंट्ल के शामिल होने का आरोप लगाया था। निज्जर भी वांटेड लिस्ट में शामिल था। वह ‘खालिस्तान टाइगर फोर्स’ का मेंबर था।

परमजीत सिंह पंजवड़ की हत्या

पाकिस्तान के लाहौर में परमजीत सिंह पंजवड़ की 6 मई को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वह खालिस्तान कमांडो फोर्स का चीफ था। अज्ञात हमलावरों ने उसकी गोली मारकर हत्या कर दी थी। उसने पाकिस्तान की पनाह ली थी फिर बच नहीं सका। दरअसल, भारत ने 2020 जुलाई में आतंकियों की लिस्ट जारी की थी। इसमें पंजवड़ का नाम शामिल था। वह पाकिस्तान में युवाओं को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दिलवाता था। इसके साथ ही वह भारत में हमला करने के लिए बंदूकों और गोला-बारूद की सप्लाई करवाता था। वह देशद्रोही कार्यक्रम का संचालन करता था।

बशीर अहमद पीर उर्फ इम्तियाज की हत्या

बशीर अहमद पीर उर्फ इम्तियाज की हत्या पाकिस्तान के रावलपिंडी में हुई थी। अज्ञात बदमाशों ने उसे गोलियों से भून दिया था। वह जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा जिले का रहने वाला था। वह हिजबुल मुजाहिदीन का लॉन्चिंग कमांडर था। भारत सरकार ने उसे पिछले साल आतंकी घोषित कर दिया था। वह रावलपिंडी में रहकर जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के लिए सुविधा मुहैया कराता था।

एजाज अहमद अहंगर की हत्या

एजाज अहमद अहंगर को आंतक की किताब कहा जाता था। उसकी हत्या 22 फरवरी 2023 को अफगानिस्तान के काबुल में हुई थी। वह भारत में इस्लामिक स्टेट को फिर से शुरू करना चाहता था। उसका अल कायदा से संपर्क था। वह 1996 में कश्मीर की जेल से छूटने के बाद पहेल पाकिस्तान गया और फिर वहां से अफगानिस्तान भाग गया। भारत सरकार ने अहंगर को मोस्ट वांटेड सूची में शामिल किया था। उसका आंतकी संगठनों से गहरा संबंध था। इसके अलावा सैयद खालिद रजा, शैयद नूर शालोबर, अवतार सिंह खांडा और मोहम्मद रियाज की भी हत्या कर दी गई थी।