एक तरफ यूपी पुलिस की एक टीम कानपुर बॉर्डर के पास कुख्यात विकास दुबे को निपटा रही थी तो दूसरी तरफ वहां से करीब 220 किलोमीटर एक और कुख्यात के साथ पुलिस की मुठभेड़ चल रही थी। कानपुर में विकास दुबे के अलावा बहरहाइच में पुलिस ने एक औऱ गैंगस्टर को मौत के घाट उतार दिया। कुख्यात पन्ना यादव को पुलिस की एक टीम ने एनकाउंटर में मार गिराया। गोरखुपर के थाना गुलरिया के गांव मंगलपुर का रहने वाला पन्ना यादव कितना बड़ा अपराधी था इस बात का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि उसपर गोरखपुर, महराजगंज, आज़मगढ़, बाराबंकी समेत लखीमपुर खीरी में तीन दर्जन से अधिक मुकदमें दर्ज थे।

बहराइच में एसटीएफ व हरदी थाने की लोकल पुलिस ने उसका एनकाउंटर किया है। बताया जा रहा है कि पन्ना यादव को गोली लगने के बाद उसे पीएचसी से जिला अस्पताल रेफर किया गया। जिला अस्पताल में पन्ना यादव की इलाज के दौरान मौत हो गई। गोरखपुर जेल के जेलर से मारपीट कर जेल से भाग चुका था पन्ना यादव। इसके अलावा भी उसके ऊपर कई जिलों के थानों में जघन्य अपराधों के केस दर्ज थे।

मुठभेड़ के दौरान देशी राइफल 315 बोर, एक बंदूक देसी 12 बोर, देसी पिस्टल एवं तमंचा भी बरामद किया गया है। मौके पर पर्याप्त पुलिस बल मौजूद है। कानून व्यवस्था की कोई समस्या नहीं है। पन्ना यादव गोरखपुर का हिस्ट्रीशीटर अपराधी था। गोरखपुर के विभिन्न थानों में उसके विरुद्ध हत्या, लूट, बलात्कार, चोरी, जानलेवा हमला, बलवा, गैंगस्टर एक्ट, गुंडा एक्ट, आर्म्स एक्ट आदि धाराओं में दर्जनों केस दर्ज हैं।

पन्ना यादव के बहराइच में होने की सूचना एसटीएफ को मिली थी। एसटीएफ के सीओ डीके शाही की अगुवाई में पहुंची 15 सदस्यीय टीम ने जिले में रात को ही डेरा डाल दिया था। जिसके बाद पुलिस और पन्ना यादव के साथ मुठभेड़ हुई जिसमें वो मारा गया।

बता दें कि कानपुर के कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे को भी यूपी पुलिस ने एक एनकाउंटर में मार गिराया है। उज्जैन से कानपुर लाते वक्त एसटीएफ की एक कार जिसमें विकास दुबे को बैठाया गया था वो हादसे का शिकार हो गई। जिसके बाद विकास दुबे पुलिस की बंदूक छीन भागने लगा और फिर मुठभेड़ में मारा गया।