जम्मू कश्मीर में एक बार फिर से राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में सरकारी अफसरों पर गाज गिरी है। जम्मू कश्मीर प्रशासन ने देश के खिलाफ रची जाने वाली साजिशों में शामिल रहने के आरोप में एक पुलिसकर्मी समेत चार सरकारी कर्मचारियों और एक बैंक मैनेजर को सेवा से बर्खास्त कर दिया है।

राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप

इस मामले में एक अधिकारी ने बताया कि संविधान के अनुच्छेद 311 के तहत पांच कर्मचारियों को बर्खास्त करने का आदेश दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘इन कर्मचारियों की गतिविधियां कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों के संज्ञान में आई थी, क्योंकि इन्हें राज्य की सुरक्षा के हितों को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों में संलिप्त पाया गया था।’’

बर्खास्त होने वालों में कोई बैंक मैनेजर तो कोई पुलिसकर्मी

जम्मू कश्मीर प्रशासन द्वारा सेवा से बर्खास्त किए गए कर्मचारियों में बारामुला सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का मैनेजर अफाक अहमद वानी, जम्मू कश्मीर पुलिस में कांस्टेबल तनवीर सलीम डार, रूरल वर्कर सैय्यद इफ्तिखार अंद्राबी, बारामुला में जल शक्ति विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी/चौकीदार इरशाद अहमद खान और पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग विभाग के हंदवाड़ा सब डिवीजन में सहायक लाइनमैन अब्दुल मोमीन पीर शामिल है।

पहले भी हो चुका है एक्शन

इससे पहले भी जम्मू-कश्मीर सरकार ने बड़ा एक्शन लेते हुए आतंकवादी बिट्टा कराटे की पत्नी सहित चार सरकारी कर्मचारियों को सरकार ने नौकरी से बर्खास्त कर दिया था। आतंकी बिट्टा कराटे की पत्नी के समेत चारों सरकारी कर्मचारियों को आतंकी संबंधों के कारण सेवाओं से बर्खास्त कर दिया गया था।

आतंकी की पत्नी समेत चार अफसरों को किया गया था बर्खास्त

बिट्टा कराटे की पत्नी अस्साबाह आरजूमंद खान कश्मीर प्रशासनिक सेवा (केएएस) अधिकारी थी। अस्साबाह को आतंकी संगठन ISI से जुड़े होने के आरोप में नौकरी से हटाया गया है। अस्सबाह साल 2003 से 2007 तक अपनी ड्यूटी से गैर-हाजिर रहीं थी। कराटे की पत्नी के साथ जिन लोगों को बर्खास्त किया गया था, उनमें JKEDI के मैनेजर आईटी सयेद अब्दुल मुईद, कश्मीर यूनिवर्सिटी साइंटिस्ट मुहित अहमद भट्ट (हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर सयेह सलाहुद्दीन का बेटा), कश्मीर यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर माजिद हुसैन कादरी का नाम शामिल था।