राजस्थान सरकार ने भ्रष्टाचार मामले में हाल ही में गिरफ्तार किए गए मत्स्य विभाग के निदेशक आईएएस अधिकारी प्रेमसुख बिश्नोई को सस्पेंड कर दिया है। बिश्नोई को राज्यपाल कलराज मिश्र ने सस्पेंड किया है। एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने उन्हें चार दिन पहले यानी 19 जनवरी को घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। उन पर भ्रष्टाचार का आरोप है।

एंटी करप्शन ब्यूरो ने की टीम ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित) 2018 एवं भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी के तहत दर्ज एफआईआर में शुरुआती जांच में उन्हें संलिप्त पाया। दरअसल, बिश्नोई को सहायक निदेशक राकेश देव के साथ 35,000 की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया था। मामले की जानकारी होने पर राज्यपाल ने एक्शन लेते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया।

बिश्नोई को 48 घंटे से अधिक पुलिस कस्टडी में रखा गया

बिश्नोई को शुक्रवार को गिरफ्तार किया और उन्हें 48 घंटे से अधिक समय तक पुलिस कस्टडी में रखा गया था। विभाग के आदेश के अनुसार राज्य सरकार अखिल भारतीय सेवाएं (अनुशासन एवं अपील) नियम 1969 के नियम 3 (2) के तहत मिली शक्तियों का उपयोग करते हुए बिश्नोई को 19 जनवरी से सस्पेंड किया गया है। निलंबन के दौरान बिश्नोई मुख्यालय प्रमुख शासन सचिव कार्मिक विभाग जयपुर से संबद्ध रहेंगे। दरअसल, एंटी करप्शन ब्यूरो की एक टीम ने शुक्रवार को मत्स्य विभाग के निदेशक आईएएस बिश्नोई और सहायक निदेशक को 36 हजार रुपये की कथित रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।

रिपोर्ट के अनुसार, बिश्नोई को गिरफ्तारी के बाद 48 घंटे से अधिक समय तक रिमांड पर रखा गया था, जो सोमवार को खत्म हो गई। इसके बाद आरोपी को एसीबी कोर्ट में पेश किया। जहां से अदालत ने रिश्वत लेने के दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया। कोर्ट ने मामले की जांच एसीबी के डिप्टी अभिषेक पारिक को सौंपी है। दरअसल, IAS ऑफिसर पर मछली ठेकेदार को लाइसेंस देने के बदले 35 हजार रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगा है। फिलहाल मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है।