हैदराबाद पुलिस ने भोपाल के सर्वपल्ली राधाकृष्णन विश्वविद्यालय के वर्तमान और एक सेवानिवृत्त कुलपति को भारी रकम के बदले छात्रों को डिग्री बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक, उन्होंने पद में रहते हुए 101 फर्जी डिग्रियां जारी की थीं, जिनमें से 44 छात्रों के पास से जब्त की गईं हैं।
हैदराबाद पुलिस ने वर्तमान वीसी डॉ. एम प्रशांत पिल्लई और डॉ. एसआरके विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त वीसी/अध्यक्ष एसएस कुशवाह को मंगलवार 17 मई को भोपाल से गिरफ्तार किया। फिर उन्हें एक अदालत में पेश किया गया। इस मामले में पूर्व में एक सहायक प्रोफेसर केतन सिंह को भी गिरफ्तार किया गया था। जबकि, एक अन्य वीसी डॉ सुनील कपूर को अग्रिम जमानत मिल गई थी।
हैदराबाद पुलिस द्वारा फर्जी डिग्री घोटाले में जांच फरवरी, 2022 में शुरू की गई थी। फर्जी डिग्री रैकेट के संबंध में मलकपेट, आसिफ नगर मुशीराबाद और चादरघाट पुलिस स्टेशनों में एसआरके विश्वविद्यालय, भोपाल के प्रबंधन के एजेंटों और शैक्षिक सलाहकारों के खिलाफ 4 मामले दर्ज किए गए थे। वे भारी रकम के बदले बिना किसी परीक्षा या उपस्थिति के जरूरतमंद छात्रों को शैक्षिक प्रमाण पत्र प्रदान कर रहे थे।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि, पैसे के बदले में छात्रों को 2017 से एसआरके यूनिवर्सिटी ने अब तक कुल 101 प्रमाण पत्र जारी किए हैं। इनमें से छात्रों के पास से 44 फर्जी प्रमाण पत्र जब्त किए गए। इन 44 प्रमाणपत्रों में से 13 बीटेक और बीई पाठ्यक्रमों के हैं, जबकि बाकी 31 डिग्री एमबीए, बीएससी से जुड़े पाठ्यक्रमों में दी गई हैं।
इस मामले में हैदराबाद शहर के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के सात एजेंटों ए श्रीकांत रेड्डी, ए श्रीनाद रेड्डी, पटवारी शशिदार, पीकेवी स्वामी, गुंती महेश्वर राव, आसिफ अली, टी रविकांत रेड्डी और उप्परी रंगा राजू को भी गिरफ्तार किया गया था। साथ ही 19 छात्रों को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें छह छात्रों के माता-पिता को अग्रिम जमानत मिल गई थी।