अगर हम आपसे कहे कि कानपुर में होने वाली वारदात को अमेरिका में बैठे व्यक्ति के एक फोन कॉल ने रोक लिया। ऐसे में आप कहेंगे कि यह कैसे संभव है? लेकिन ऐसा हुआ है। बीते माह 18 जनवरी को कानपुर में बेहद फिल्मी अंदाज में होने वाली चोरी को नाकाम कर दिया गया। अब आपको बताते हैं कि पूरा माजरा क्या है?
मामला यूपी के कानपुर का है, यहां श्याम नगर इलाके में एक बंद पड़े मकान का ताला तोड़कर कुछ चोर अंदर दाखिल हुए। रात के समय में वे धीरे-धीरे आगे बढ़े लेकिन उनकी यह हरकत सीसीटीवी में कैद हो गई। इसी सीसीटीवी फुटेज को अमेरिका में बैठा घर का मालिक लैपटॉप पर लाइव देख रहा था। इसके बाद विदेश में बैठे शख्स ने अपने कानपुर के पड़ोसी को इस बात की सूचना दी। फिर पड़ोसी ने पुलिस को शिकायत कर दी।
कानपुर के श्याम नगर के डी-12 गली में हरिओम अवस्थी का मकान है। कई साल पहले हरिओम का निधन हो गया। उनके दो बेटे विजय अवस्थी और आशुतोष अवस्थी सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और अमेरिका के न्यूजर्सी में रहते हैं। कानपुर वाले मकान में कोई रहता नहीं था इसलिए दोनों भाइयों ने घर को हाईटेक सिक्योरिटी से लैस कर दिया। उन्होंने घर की सुरक्षा में इंटरनेट कनेक्टेड स्पीकर के अलावा हाई रेजुलेशन-नाईट विजन कैमरे लगवा दिए थे।
घटना की रात में चोरों ने जैसे ही धावा बोला, वैसे ही अमेरिका में बैठे भाइयों ने लाइव फुटेज में बदमाशों को देख लिया। इस चोरी में बदमाशों को यह मालूम नहीं था कि वह भले ही चोरी यहां रात में कर रहे हैं लेकिन अमेरिका में बैठे मकान मालिक दिन में बैठकर यह सब नजारा देख रहे थे। इसके बाद उन्होंने स्पीकर पर चोरों को चेतावनी दी कि ‘घर से बाहर निकल जाओ नहीं तो पुलिस को सूचना दे दी जाएगी।’
चेतावनी के बाद भी चोरों ने एक कैमरे को तोड़ दिया, इसके बाद दोनों भाइयों ने पड़ोसी डीपी मिश्रा और कानपुर में रहने वाली अपनी बहनों को इस बारे में सूचित किया। सूचना के चलते हरकत में आई पुलिस ने मौके पर पहुंच कर चोरों को घेर लिया गया। पहले पुलिस प्रशासन ने चोरों को आत्मसमर्पण की चेतावनी लेकिन पुलिस को देखते ही घर में घुसे बदमाशों ने फायरिंग कर दी। जवाबी फायरिंग में एक बदमाश को गोली लगी, जबकि एक बदमाश फरार हो गया।
घटना में पकड़े गए घायल बदमाश की पहचान श्रीनाथ राठौर उर्फ सोनू के रूप में हुई थी। सोनू ने बताया था कि वह हमीरपुर का रहने वाला है। उसका साथी घटना के वक्त घर के पीछे प्लाट में कूदकर भाग निकला था। यह घटना इसलिए भी चर्चा में थी क्योंकि तकनीक के सही इस्तेमाल के जरिए हजारों किलोमीटर दूर बैठे मकान मालिक और पुलिस की सतर्कता से चोरी की साजिश को नाकाम कर दिया गया था।