यूपी के गाजियाबाद से हैरान करने वाली खबर सामने आई है। यहां भोजपुर गांव में एक शख्स ने पत्नी की इसलिए हत्या कर दी क्योंकि उसने चाय बनाने में देरी की थी। 52 साल के शख्स ने सुबह एक बार चाय पीने के बाद पत्नी से दोबारा चाय बनाने को कहा। इस पर पत्नी ने कहा कि वह चाय बना रही है मगर इसमें 10 मिनट का टाइम लगेगा। पत्नी की बात सुनकर पति नाराज हो गया। इसके बाद दोनों में बहस शुरू हो गई। इसके बाद पत्नी रसोई में जाकर दोबारा चाय बनाने लगी। तभी पति तलवार लेकर आया और पीछे से वार कर उसका सिर काट दिया। हमले के बाद पत्नी जमीन पर गिर गई और उसकी मौत हो गई। आरोपी का नाम धर्मवीर है। वह दिहाड़ी मजदूरी का काम करता है।
एक बार चाय पीने के बाद दोबारा की डिमांड
मामले में डीसीपी (ग्रामीण) विवेक यादव ने कहा कि मृतका सुबह करीब 6 बजे उठी और रसोई में चाय बनाने लगी। कुछ मिनट बाद धर्मवीर उठा और उससे एक कप चाय मांगा। पहली बार चाय पीने के 5 मिनट बाद आरोपी ने पत्नी से दोबारा चाय मांगी। रिपोर्ट के अनुसार, दंपति के तीन बेटे और एक बेटी है। वे सुबह दूसरे कमरे में सो रहे थे। अधिकारी ने आगे कहा कि पति के दोबारा चाय मांगने पर मृतका छत पर बनी रसोई में चाय बनाने चली गई। उसने पति से कहा कि चाय बनने में 10 मिनट का समय लगेगा। यह सुनकर पति नाराज हो गया और बर्तनों को लात से फेंकने लगा। इसके बाद वह नीचे गया और तलवार लेकर आया। सुंदरी जब चाय बना रही थी तो आरोपी ने पीछे से वार कर उसका सिर काट दिया। चीख-पुकार की आवाज सुन बच्चों की नींद खुल गई। इसके बाद बच्चे छत पर पहुंचे और मां को बचाने की कोशिश करने लगे। आरोपी ने बच्चों को भी तलवार दिखाकर धमकाया। जिसके बाद बच्चे डर के कमरे में चले गए।
इसके बाद आरोपी के बेटे ने पुलिस को फोन कर मामले की जानकारी दी। आरोपी के बेटे ने पुलिस को बताया, मेरे पिता अक्सर चाय को लेकर झगड़ा करते थे। उन्हें दिन में कम से कम 5-6 बार चाय पीने की आदत है। अगर मेरी मां चाय बनाने से मना कर देती या ज्यादा समय ले लेती तो वे उन पर चिल्लाते थे। हालांकि मैंने कभी उन्हें मां को मारते हुए नहीं देखा था। जब हमने छत पर उनका शव देखा तो हम सदमे में थे। उनका खून बह रहा था।
हत्या करने के बाद शव के पास रोता रहा आरोपी पति
पुलिस ने बताया कि धर्मवीर पुलिस के आने तक शव के पास बैठा रोता रहा। फिलहाल उसे गिरफ्तार कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। यादव ने आगे कहा कि मृतका के परिजन के आधार पर धरमवीर के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत एफआईआर दर्ज की गई। इसके बाद उसे अदालत में पेश किया गया और फिर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।