जयपुर के एसएमएस अस्पताल में हर्षाधिपति वाल्मिकी धातु के ब्रेसिज़ से ढंके हुए और कई घावों के निशान वाले अपने घायल पैर को घूर रहे हैं। लगभग 17 महीने हो गए हैं जब 28 वर्षीय व्यक्ति बिना किसी सहारे के चल सका हो। अस्पताल में अपने कमरे में हर्षाधिपति दिन भर बिस्तर पर ही रहते हैं। कभी-कभी, वह बाहर के ट्रैफ़िक को देखने के लिए खिड़की से बाहर झाँकते हैं। एक सरकारी डॉक्टर ने कहा कि हर्षाधिपति को कई फ्रैक्चर हुए हैं, जिसमें फीमर का फ्रैक्चर भी शामिल है।
एसएमएस अस्पताल में भर्ती हर्षाधिपति वाल्मिकी ने अपना दर्द साझा किया
अस्पताल में भर्ती हर्षाधिपति वाल्मिकी ने अपना दर्द साझा किया, “भले ही मेरी शारीरिक चोटें किसी दिन ठीक हो जाएं, लेकिन उस विश्वासघात की भावना के बारे में क्या जो मैं प्रतिदिन महसूस करता हूं? विधायक गिरराज सिंह मलिंगा ने मुझ पर कुर्सी फेंकी, जातिसूचक गालियां दीं और मेरे चेहरे पर पैर रखा, इसके बाद उन्होंने और उनके साथियों ने मुझे अधमरा कर दिया। डेढ़ साल बीत गए, लेकिन मैं न्याय का इंतजार कर रहा हूं। आरोपी को बचाया जा रहा है।”
राजस्थान हाई कोर्ट में जस्टिस फरजंद अली की बेंच ने 31 जुलाई को उठाए सवाल
राजस्थान हाई कोर्ट में जस्टिस फरजंद अली की बेंच ने 31 जुलाई को कहा, “आवेदन नहीं करने वाला एक मौजूदा विधायक है और इस प्रकार, स्थायी निर्देश के अनुसार जयपुर में सीआईडी, सीबी द्वारा जांच की जा रही है। हालाँकि, 16-17 महीने से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन अब तक जांच की रिपोर्ट पेश नहीं की गई है। इस समय, याचिका करने वाले पक्ष द्वारा यह तर्क दिया गया है कि राज्य पुलिस सत्तारूढ़ दल के प्रभाव में है और इसलिए, जांच का परिणाम दाखिल नहीं किया जा रहा है। विद्वान जीए-सह-एएजी ने इस संबंध में लगाए गए आरोपों से इनकार कर दिया। हालाँकि, वह स्थिति स्पष्ट करने के लिए थोड़ा समय चाहते हैं।”
पिछले साल 28 मार्च को धौलपुर में हर्षाधिपति वाल्मिकी पर हुआ था हमला
सरकारी वकील-सह एएजी घनश्याम राठौड़ ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “अदालत ने मुझसे पूछा है कि जांच का परिणाम अभी तक प्रस्तुत क्यों नहीं किया गया है। मैंने इस संबंध में सीआईडी, सीबी को मेल किया है, जो जांच कर रही है।” पिछले साल 28 मार्च को धौलपुर में तैनात हर्षाधिपति वाल्मिकी पर जिले के बाड़ी से कांग्रेस विधायक मलिंगा ने कथित तौर पर हमला किया था। मामले में अभी आरोपपत्र दाखिल होना बाकी है। मलिंगा ने वह समय सीएम अशोक गहलोत के साथ मंच साझा करने, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट से उनके जन्मदिन पर मिलने और भारत जोड़ो यात्रा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ पदयात्रा में बिताया है।
बिजली बिल जमा करवाने के सरकारी अभियान का हिस्सा थे इंजीनियर वाल्मिकी
हर्षाधिपति वाल्मिकी ने घटना को याद करते हुए कहा, “बिजली बिल जमा करने के सरकार के अभियान के हिस्से के रूप में मैं अपनी टीम के साथ उन गांवों में जाता था जहां लोगों ने कई वर्षों से बिल का भुगतान नहीं किया है। हमारी टीम उनसे अपना बकाया चुकाने का आग्रह करती थी। मैंने देखा कि लोग अक्सर मेरी जाति पूछते थे और एक बार तो लोगों ने मुझे घेर लिया और पूछा कि मैंने ठाकुरों के गांव में घुसने की हिम्मत कैसे की। उनमें से एक शख्स ने मेरी फोन पर एक व्यक्ति से बात कराई और कहा कि वह विधायक गिरराज सिंह मलिंगा है। उसने मेरे साथ दुर्व्यवहार किया और धमकी दी।’
तीन बार के विधायक मलिंगा पर समर्थकों के साथ मिलकर हमला करने का आरोप
हर्षाधिपति वाल्मिकी ने आरोप लगाया कि राजपूत समुदाय से तीन बार के विधायक मलिंगा ने अपने सहयोगियों के साथ 28 मार्च को उनके कार्यालय में घुसकर उन पर हमला किया। जयपुर के एसएमएस अस्पताल में रेफर करने से पहले उन्हें आगरा के एक अस्पताल ले जाया गया। उस समय, मलिंगा ने आरोपों को “झूठा और निराधार” बताया था और दावा किया था कि कुछ भाजपा नेताओं के कहने पर उनका नाम एफआईआर में शामिल किया गया था। एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम सहित अन्य आरोपों के तहत दर्ज की गई एफआईआर में मलिंगा आरोपी हैं।
गिरफ्तारी नहीं होने, सरेंडर करने, कोविड टेस्ट और हाई कोर्ट से जमानत
घटना के बाद राजस्थान पुलिस ने अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, मगर विधायक मलिंगा को गिरफ्तार नहीं किया गया। उन्होंने 11 मई, 2022 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलने और मीडिया के सामने अपनी बेगुनाही का ऐलान करने के बाद आत्मसमर्पण कर दिया। धौलपुर की स्थानीय अदालत ने मलिंगा को न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया था। एक दिन बाद ही उनका कोविड-19 टेस्ट हुआ और रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद उन्हें एक अस्पताल में रखा गया। गिरफ्तारी के एक हफ्ते के भीतर ही मलिंगा को राजस्थान हाई कोर्ट से जमानत भी मिल गई।