दिल्ली के गैंगस्टरों की लिस्ट बड़ी लंबी है, लेकिन नीरज बवाना का नाम आज भी टॉप पर है। आज भले ही वह जेल में बंद है, लेकिन उसे दिल्ली में खौफ का दूसरा नाम कहा जाता है। कुछ समय पहले नीरज बवाना का नाम तब भी उछला था, जब पहलवान सागर धनकड़ हत्याकांड हुआ था। इसी मामले में रेसलर सुशील कुमार भी जेल गए थे।

इस हत्याकांड में उछला नाम: वैसे तो नीरज का नाम ही अपराध से जुड़ा है, लेकिन पहलवान सागर धनकड़ हत्या मामले में जब रेसलर सुशील कुमार का नाम नीरज बवाना से जुड़ा तो चर्चा और हिलोरे मार गई। क्योंकि सागर की पिटाई के दौरान सुशील कुमार ने नीरज बवाना के गुर्गों के साथ ही सोनू महाल और अमित को भी पीटा था। सोनू महाल की पिटाई का मामला इसलिए भी बढ़ गया, क्योंकि यह मशहूर गैंगस्टर संदीप काला उर्फ काला जठेड़ी का भांजा है। साथ ही सोनू पर भी करीब 20 आपराधिक मामले दर्ज है।

कौन है नीरज बवाना: नीरज बवाना दिल्ली के बवाना गांव में पैदा हुआ और करीब 17 साल पहले जुर्म की दुनिया में आया। पहले शुरुआत मारपीट, छिनैती से शुरु हुई लेकिन फिर बड़े अपराध करने लगा। दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान सहित कई राज्यों में नीरज बवाना के खिलाफ हत्या, जबरन वसूली, संपत्ति विवाद में जान से मारने की धमकी जैसे संगीन जुर्मों में केस दर्ज हैं। नीरज बवाना इस वक्त दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है।

जेल में बंद तब भी खौफ वही: नीरज बवाना जेल में बंद होने के बावजूद भी अपनी गैंग को वहीं से चलाता है। नीरज के गुर्गे उसके इशारे पर किसी भी अपराध को अंजाम देने के लिए तैयार रहते हैं। सागर धनकड़ हत्याकांड मामले में भी सुशील कुमार ने नीरज के गुर्गों की ही मदद ली थी और घटना को अंजाम दिया था। नीरज और उसकी गैंग का खौफ आज भी ऐसा है कि उसे दिल्ली का दाउद कहा जाता है।

कई दुश्मन भी बनाए: नीरज बवाना ने इस 16-17 सालों में कई दुश्मन भी बनाए। कई बार नीरज बवाना दूसरे गुटों से भिड़ चुका है। कभी उसका साथी रहा सुरेन्द्र मालिक उर्फ नीतू डाबोदा बवाना का दुश्मन था, लेकिन साल 2013 में डाबोदा को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया। हालांकि, कई सालों तक दोनों गुटों में हुई गैंगवार के चलते करीब डेढ़ दर्जन लोग मारे गए। इसके बाद डाबोदा का काम प्रदीप भोला देखने लगा था।

प्रदीप भोला की भी हत्या: नीतू डाबोदा की गैंग को देखने वाला प्रदीप भोला, नीरज बवाना का अगला टारगेट था। साल 2014 में एक बार नीरज बवाना ने रोहिणी कोर्ट में ही मारने का प्रयास किया, लेकिन प्लान फेल हो गया। इसके एक साल बाद ही 25 अगस्त 2015 को नीरज बवाना ने प्रदीप की हत्या कर दी थी।

बवाना की अजीबो-गरीब मांगे: तिहाड़ जेल में बंद इस खूंखार अपराधी के मांगे भी अजीब रही हैं। कुछ समय पहले नीरज बवाना ने जेल प्रशासन से मांग की थी कि उसे घर का बना खाना (नॉन-वेज) और आईपैड दिया जाए। नीरज ने कहा था कि उसे अपना मानसिक संतुलन सही रखने के लिए एक एफएम रेडियो सेट व टाइम पास करने के लिए आईपैड दिया जाए। हालांकि ये मांगे बाद में ठुकरा दी गई थी।