गुड़गांव की एक अदालत ने मंगलवार को निलंबित आईपीएस अधिकारी धीरज कुमार सेतिया (IPS officer Dheeraj Kumar Setia) का पॉलीग्राफिक परीक्षण करने का आदेश दिया है। बता दें कि निलंबित अधिकारी पर करोड़ों की डकैती के मामले को छिपाने के लिए रिश्वत लेने का आरोप है। यह पॉलीग्राफिक टेस्ट सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (CFSL) गांधी नगर में आयोजित किया जाएगा।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश तरुण सिंघल की अदालत ने हरियाणा स्पेशल टास्क फोर्स (Haryana Special Task Force) को पॉलीग्राफ टेस्ट कराने के दौरान सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा है कि पिछले आदेश के अनुसार, अभियोजन पक्ष ने बताया कि मधुबन में फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में सेतिया का पॉलीग्राफ परीक्षण नहीं किया जा सकता, क्योंकि वहां के रिपोर्टिंग अधिकारी चिकित्सा अवकाश (Medical Leave) पर हैं। इस पर अभियोजन पक्ष ने अदालत के आगे गांधी नगर, अहमदाबाद, हैदराबाद और नवी मुंबई में स्थित फोरेंसिक प्रयोगशालाओं की एक सूची प्रदान की थी।

आईपीएस अधिकारी सेतिया के वकील ने कहा कि यदि परीक्षण पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट (Punjab And Haryana High Court) के समक्ष दिए गए वचन के अनुसार आयोजित किया जाता है और उक्त परीक्षा सीएफएसएल गांधी नगर में आयोजित की जा सकती है, तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। इस बीच, अदालत ने मामले के एक अन्य आरोपी चेतन मान उर्फ ​​बॉक्सर को 13 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया, जो राष्ट्रीय स्तर के पूर्व मुक्केबाज हैं।

यह पूरा मामला 21 अगस्त, 2021 को दर्ज की गई करोड़ों की डकैती (Multi crore heist) के केस से जुड़ा हुआ है। अब तक की पुलिस जांच में पाया गया है कि 3 और 4 अगस्त, 2021 की रात को सेक्टर 84 में स्थितअल्फा जी कॉर्प मैनेजमेंट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय/फ्लैट से कम से कम 30 करोड़ रुपये चोरी हो गए थे। इस मामले में गैंगस्टर विकास लगारपुरिया (Gangster Vikas Lagarpuria) के गुर्गे और दिल्ली पुलिस के एक एएसआई सहित कम से कम 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। साथ ही पुलिस ने विदेशी मुद्रा और सोने सहित करीब 6 करोड़ रुपये बरामद भी किए हैं।

इस डकैती की वारदात के समय IPS अधिकारी सेतिया, गुड़गांव में डीसीपी (DCP) के रूप में तैनात थे। इस मामले में उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण एक्ट के तहत कार्रवाई हुई थी। फिर उन्हें 10 दिसंबर, 2021 को निलंबित कर दिया गया था। इस केस की जांच में मुख्य आरोपी डॉ सुचेंद्र जैन नवल ने एक बयान में दावा किया था कि उसने मामले को छिपाने/दबाने के लिए सेतिया को 3 किलो सोने की ईंट, 1 लाख 35 हजार अमेरिकी डॉलर (US Doller) और 62,000 रुपये (कुल 2.5 करोड़ रुपये) से भरा एक बैग सौंपा था।