Vivo Mobiles Phones Active With Same IMEI Number In India: दुनिया भर में कोरोना वायरस के फैलने के लिए कई लोग चीन को जिम्मेदार मान रहे हैं। इस बीच भारत में एक बड़ी चाइनीज मोबाइल कंपनी को लेकर जांच शुरू की गई है। दरअसल हाल ही में पता चला है कि मशहूर मोबाइल कंपनी Vivo के 13,000 मोबाइल फोन के International Mobile Equipment Identity (IMEI) नंबर भारत में एक ही हैं और यह सभी एक साथ एक्टिव हैं।
उत्तर प्रदेश की मेरठ पुलिस एक ही IMEI नंबरों वाले मोबाइल फोन को देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा मान रही है। ऐसी भी आशंका है कि यह किसी बड़ी साजिश का हिस्सा हो सकता है। यहां के पुलिस अधीक्षक एएन सिंह ने कहा है कि ‘मेरठ पुलिस को पता चला है कि एक ही IEMI नंबर के 13,000 मोबाइल फोन देश में एक्टिव है। यह गंभीर मामला है। आगे की जांच रही है। इस मामले में Vivo Communication Technology Co. Ltd और उसके सर्विस सेंटर के खिलाफ दो केस दर्ज किये गये हैं।’
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब एक सब-इंस्पेक्टर का Vivo हैडसेंट खराब हुआ और उन्होंने इस हैंडसेट को दिल्ली के एक सर्विस सेंटर से बदला। सब-इंस्पेक्टर के हैंडसेट के बॉक्स पर दिया गया IEMI नंबर मोबाइल के IEMI नंबर से अलग था। यह बात पुलिस विभाग थोड़ी अजीब लगी। इसके बाद एडीजी प्रशांत कुमार ने इस मामले में मेरठ जोन पुलिस के क्राइम सेल के इंचार्ज प्रबल कुमार पंकज और साइबर विशेषज्ञ विजय कुमार को इस मामले की जांच सौपी।
16 जनवरी. 2020 को सर्विस सेंटर के मैनेजर ने पुलिस को बताया कि IEMI नंबर बदला नहीं गया है और मोबाइल में जीओ का सिम है। इसके बाद साइबर सेल ने टेलीकॉम कंपनी को IMEI नंबर भेजा और डेटा के बारे में जानकारी मांगी।
जो रिपोर्ट पुलिस को भेजी गई है उससे साफ हुआ है कि 24 सितंबर 2019 को सुबह 11 बजे से लेकर 11.30 बजे तक एक ही IMEI नंबर के 13,557 मोबाइल फोन देश के अलग-अलग राज्यों में एक्टिव थे। इस राज का पर्दाफाश होने के बाद साइबर सेल ने Vivo India के नोडल ऑफिसर हरमनजीत सिंह को CrPc के सेक्शन 91 के तहत नोटिस भेजा। यह जानकारी सामने आई है कि इस नोटिस का जो जवाब कंपनी के अधिकारी की तरफ से भेजा गया है पुलिस उससे संतुष्ट नहीं है।
यहां आपके लिए यह जानना बेहद जरुरी है कि Telecom Regulatory Authority of India (TRAI) के नियमों के मुताबिक एक ही IEMI नंबर एक से ज्यादा मोबाइल फोन को नहीं दिया जा सकता है। साइबर सेल ने माना है कि कंपनी ने TRAI के नियमों का उल्लंघन किया है। नए नियमों के मुताबिक IEMI नंबर से छेड़छाड़ करने पर तीन साल की जेल हो सकती है। आम तौर पर जब किसी का मोबाइल खो जाता है या चोरी हो जाता है तो IEMI नंबर के जरिए ही उस मोबाइ नंबर को ब्लॉक किया जाता है।
यह बात भी काबिले गौर है कि पिछले साल नवंबर के महीने में एक ऐसा ही स्कैम उजागर हुआ था। उस वक्त करीब 1 लाख फोन के IEMI नंबर एक ही मिले थे। यह सभी फोन देश के अलग-अलग हिस्सों में एक्टिव भी थे। इनमें से ज्यादातर फोन Vivo Communication Technology Co. Ltd द्वारा बनाए गए थे। आपको बता दें कि आतंकवादी या दूसरे अन्य अवांछित तत्व Oppo, Vivo, Xiaomi जैसे मोबाइल फोन का आसानी से इस्तेमाल कर देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं।