बेंगलुरु से 60 किलोमीटर दूर चन्नापटना इलाके में एक 21 वर्षीय महिला के शव को एक सूनसान जगह पर ठिकाने लगाने की एक दंपत्ति की योजना तब असफल हो गई, जब उसकी लाश के साथ बाइक सवार दो लोग रामनगर शहर में पुलिस उपायुक्त के कार्यालय के सामने दुर्घटना का शिकार हो गए। अब इस मामले में दंपति समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलिस के अनुसार, बेंगलुरु के आरआर नगर की रहने वाली सौम्या की सोमवार को मौत हो गई थी, जब उसका अपने पड़ोस के एक दंपति रघु (30) और दुर्गा (28) से उधार लिए गए कुछ पैसे को लेकर झगड़ा हुआ था। सौम्या और दंपति का कथित तौर पर पहले भी इस मुद्दे पर कई बार झगड़ा हुआ था। हालांकि, सोमवार के दिन हुई झड़प में रघु ने कथित तौर पर उसे (सौम्या) थप्पड़ मारा और उसकी मौत हो गई।
इस घटना से घबराए दंपति ने कथित तौर पर शव को कम से कम आठ घंटे तक अपने घर के अंदर रखा। फिर चन्नापटना में एक सूनसान जगह शव को जलाने का फैसला किया। पुलिस ने कहा कि दंपति ने इस दौरान अपने दोस्तों नागराज (18) और विनोद (19) की मदद मांगी। ऐसे में सोमवार की देर रात शव के साथ नागराज-विनोद और रघु-दुर्गा दो बाइकों पर चन्नापटना के लिए निकल पड़े।
सोमवार रात में 40 किमी चलने के बाद जैसे ही वे करीब 2 बजे रामनगर शहर में पुलिस उपायुक्त के कार्यालय के सामने पहुंचे, विनोद स्पीड ब्रेकर नहीं देख सका और उसकी बाइक अनियंत्रित हो गई। इस दौरान सौम्या के शव के साथ विनोद, नागराज गिर गए। इसी बीच कुछ राहगीर और गश्त पर चल रही एक पुलिस टीम उनके बचाव के लिए मौके पर पहुंची। फिर तीनों को रामनगर के सरकारी अस्पताल भेज दिया गया।
उधर हादसे से बेखबर रघु और दुर्गा चन्नापटना के पास इंतजार करते रहे। इस दौरान हत्या का खुलासा तब हुआ, जब रामनगर अस्पताल में ड्यूटी डॉक्टर ने सौम्या के शरीर की जांच की। उन्होंने कहा कि महिला (सौम्या) की मौत हुए आठ घंटे से ज्यादा हो चुके हैं। इसके बाद पुलिस ने विनोद और नागराज को पकड़ा और फिर रघु को फोन किया। बाद में दंपति की तलाश कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
हालांकि, पुलिस को अभी यह पता नहीं चल पाया है कि सौम्या ने पैसे उधार लिए थे या चोरी किए थे। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि जब सौम्या के माता-पिता उसकी तलाश कर रहे थे तो रघु और दुर्गा ने उसकी जानकारी होने से इंकार कर दिया था। जबकि सच्चाई यह थी कि उस दौरान सौम्या का शव उनके (रघु-दुर्गा) के कमरे के अंदर पड़ा था।