बिहार के हाजीपुर में पकड़ौआ विवाह इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है। BPSC पास टीचर गौतम कुमार जब स्कूल में बच्चों को पढ़ा रहे थे, उसी समय 3-4 लोग आए और किडनैप कर बंदूक की नोक पर उनकी जबरन शादी करा दी। घटना के बाद गौतम का परिवार सदमे में है। गौतम ने भी दुल्हन को साथ रखने से मना कर दिया है। उनका कहना है कि वे इस शादी को नहीं मानते हैं। गौतम की दादी का कहना है कि सोचे थे पहले गौतम अपनी बहन की शादी करेगा फिर अपनी कर लेगा। दादी का कहना है कि बेटे की मौत के बाद समाज के लोगों का ही साथ था मगर किसी ने साथ नहीं दिया। गौतम की जबरदस्ती शादी कर दी गई। गौतम के परिवार के लोग इस शादी से खुश नहीं है। उनकी आंखों में आंसू हैं। उन्होंने सोचा नहीं था कि उनके परिवार के साथ ऐसा कुछ हो जाएगा।
पिता का छिन चुका है साया
गौतम के पिता का निधन हो चुका है। परिवार की जिम्मेदारी गौतम के ऊपर है। 15 दिन पहले ही गौतम ने BPSC परीक्षा पास कर हाई स्कूल में सरकारी टीचर की नौकरी शुरू की। 30 नवंबर को गौतम को 3-4 लोगों ने किडनैप कर लिया और बंदूक की नोक पर जबरन शादी करा दी। इस शादी से गौतम की मां और दादी सदमे में हैं। गौतम पहले बहन की शादी करना चाहता था। उसने अभी अपनी शादी का नहीं सोचा था।
नौकरी लगने के 8 दिन बाद जबरन शादी
दरअसल, गौतम की नौकरी लगने के 8 दिन बाद ही उनका अपहरण कर लिया गया। गौतम के दादा सुरेंद्र राय का कहना है कि जब पोता नौकरी नहीं कर रहा था तब क्यों किसी ने जबरन शादी कराई। इस शादी का समाज में गलत संदेश जाएगा। जब गौतम के अपहरण की शिकायत लेकर दादा पुलिस के पास गए तो उन्होंने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। बाद में जब मामला चर्चा में आ गया तो पुलिस वालों ने गौतम का पता लगकर घऱवालों को सौंपा था। वहीं गौतम का कहना है कि उनकी जबरन शादी कराई गई है। इसलिए वे दुल्हन को अपने साथ नहीं रख सकते हैं। गौतम ने पकड़ौआ विवाह को लेकर पटना कोर्ट के फैसले को जिक्र किया और एफआईआर दर्ज कराई।
दरअसल, कुछ दिनों पहले ही पटना हाई कोर्ट ने एक केस में फैसला सुनाते हुए कहा था कि जबरदस्ती सिंदूर लगाना या दवाब में लगवाना, हिंदू मैरिज एक्ट के तहत शादी नहीं है। देखिए मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है।