Bihar: शराबबंदी लागू होने के बाद से लेकर लगातार इसको तोड़ने और अवैध शराब के कारोबार को बढ़ाने के लिए इससे जुड़े लोग नए नए तरीके इजाद कर रहे थे। इऩमें से कुछ फिल्मी तरीके थे यानी सिनेमा को देखकर सीखे गए तरीके तो कुछ एकदम इनोवेटिव आइडिया। 

राजन कश्‍यप (पुल‍िस की ग‍िरफ्त में आया शराब माफ‍िया) ने बताया कि शराब की पैडलिंग में उसकी एक हिस्सेदार है जो दो-तीन जिलों में ऑपरेट करती है। उसने बताया कि कई महिलाएं इस जिले से दूसरे जिले में शाम में छोटे छोटे कंसाइनमेंट ले जाती हैं, कंसाइनमेंट भले ही छोटा हो लेकिन महिलाएँ इतनी ज्यादा होती हैं वो कुल मिलाकर हजारों लीटर रोज का कारोबार हो जाता है। 

राजन की इस सूचना पर सभी बैरिकेड पर सतर्कता बढ़ा दी गई। संदिग्ध महिलाओं की तलाश शुरु हो चुकी थी। दो दिन तक कुछ खास हाथ नहीं लगा। लेकिन इसी बीच एक पिकेट पुलिसकर्मी ने नोटिस किया कि एक महिला पिछले तीन दिनों से उस रास्ते से गुजर रही है, कभी उसके साथ कोई दूसरी महिला होती है तो कभी उसके साथ कम उम्र की लड़की, कभी रिक्शे पर कभी पैदल तो कभी मोटरसाइकिल पर। 

18-20 की उम्र की ये खूबसूरत महिला थी। महिला इसलिए कहा क्यूंकि वो प्रेगनेंट थी। लिहाजा इस पुलिसकर्मी को उसे पहचानने में दिक्कत नहीं हो रही थी। तीसरे-चौथे दिन जब किसी दूसरी गर्भवती के साथ किसी मोटरसाइकिल पर जा रही थी तो उसी चेकपोस्ट पर पुलिसवाले ने कागज जांचने के नाम पर उसे रोका। दोनों औरतों की उम्र 20 के आसपास ही रही होगी। दोनों गर्भवती लग रहीं थीं और दोनों एक ही मोटरसाइकिल पर पीछे बैठी थीं। 

बिहार के ज्यादातर जिलों में महिला पुलिस कर्मी की निहायत कमी है और चेकपोस्ट पर हर जगह जांच में तो उनको लगाने लायक संख्या बिल्कुल नहीं है। उस पुलिसकर्मी को इन महिलाओं के हाव-भाव कुछ अजीब लग रहे थे।  कहां से आ रहे हैं, कहां जा रहे हैं ये मर्द कौन है, तुम दोनों कौन हो इसका सही सही जवाब ये नहीं दे पा रहे थे। 

बिना महिला पुलिसकर्मी के उन महिलाओँ की जांच भी नहीं की जा सकती थी लेकिन पुलिस की सही ट्रेनिंग हुई हो तो अपराधी को पकड़ना मुश्किल काम नहीं होता। उस युवा पुलिसवाले ने कई सवाल पूछते पूछते एक झटके में पूछ लिया किसके लिए तो तुमलोग काम करती हो। इस सवाल का उनको अँदाजा नही रहा होगा और एक के मुंह से निकल गया “भाभी जी”।

इन लड़कियों का इतना कहना था कि मोटसाइकिल चालक बगल से गुजरती एक बस में लटककर फरार हो गया । मोटरसाइकिल वहीं, लड़कियां या महिलाएं जो कहिए वो भी वहीं। अभी तक ये अकेला पुलिसकर्मी ही उनसे जूझ रहा था लेकिन जैसे ही मोटरसाइकिल चालक फरार हुआ कई दूसरे पुलिसवाले भी इस तरफ लपके। आला अधिकारियों को सूचना दी गई, मुख्यालय से महिला पुलिकर्मी बुलाई गई और जांच में पाया गया कि इन दोनों लड़कियों ने अपने पेट में शराब की बोतलें बांध रखीं थी। जिसकी कीमत थी तकरीबन 20 हजार रुपए।

पूछताछ में पता चला कि दिन भर में एक लड़की तकरीबन 60-80 हजार रुपये की शराब एक जिले से दूसरे जिले ले जाती है, ये लंबी दूरियां तय नहीं करती लेकिन शराब दूर दराज के जिलों तक पहुंचाई जाती हैँ। ये लीकर पैडलर के नए रंग थे। 

जब इन दोनों लड़कियों को चेकपोस्ट पर पुलिस ने अलग बैठने के लिए कहा तो उस वक्त उसी जिले के लेकिन दूसरे थाने का एक सीनियर अधिकारी भी पहुंच गया। वो ऐसे आया कि जैसे कहीं जा रहा हो और कुछ शंका होने पर रुक गया। 

पिकेट पर मौजूद एक दो पुलिसकर्मियों को उसने इशारों में पहले रिश्वत और फिर बाद में  “ भाभी जी” का खौफ भी दिखाया, लेकिन बात नहीं बनते देख और पुलिस रेडियो पर श्रुति की आवाज सुनकर कि उसे थाने लेकर पहुंचिए हम पहुंच रहे हैं, वो थानेदार खिसक गया।  ये इस नेक्सस का एक छोटा नमूना था। 

निश्चित तौर पर जो व्यक्ति मोटरसाइकिल पर इन दोनों महिला पैडलर को लेकर आ रहा था वो अचानक पहुंचे दूसरे थाने के पुलिस अधिकारी के इलाके से अपने रिश्वत के दम पर आराम से निकलता रहा था और उसी ने यहां से फरार होने के बाद उस पुलिसवाले को सूचना दी थी कि भाभी जी की दो दो रंगरुट जो उम्मीदों से हैं, पकड़ी गई हैं। 

आखिर ये भाभी जी कौन है जिसके लिए एक पुलिस थाने का अधिकारी अपने इलाके से बाहर निकलकर दूसरे थानाक्षेत्र में जाकर उन महिलाओँ को छुड़ाने की कोशिश करता है। 

श्रुति ने राजन से भाभी जी के बारे में जानना चाहा। राजन भाभी जी का नाम सुन थोड़ा चौंक गया। 

भाभी जी तो गजब हैं बंधु, शराबबंदी के तीन साल बीत चुके हैं और भाभी जी हैं कि अभी तक उम्मीद से हैं। रंग गोरा, सुडौल शरीर, 5 फीट 5 इंच की लंबाई और उम्र महज 23-24 साल । पिछले तकरीबन 3 साल से गर्भवती हैं। जी ठीक ही पढ़ रहे हैं आप, शराबबंदी के कुछ ही समय बाद से वो गर्भवती हैं, बच्चा जन नहीं पा रही हैं क्यूंकि गर्भ में बच्चा नहीं बोतल भरी रहती हैं। 

राजन ने काफी दबाव के बाद भाभी जी का हुलिया श्रुति को बताया और ये भी बताया कि कई जिलों में वो राजन के लिए एक मुख्य किरदार के तौर पर काम कर रही है। भाभी जी के अंदर चार-पांच जिलों में तकरीबन 500 लड़कियां और महिलाएं और इतने ही पुरुष लीकर पैडलिंग का काम करते हैं। सभी छोटे छोटे कंसाइनमेंट उठाते हैं लेकिन दिन भर में सभी मिलकर इतनी शराब बेचते हैं जितनी इन जिलों की जरूरत है। 

श्रुति ने भाभी जी के कई ठिकानों पर नजर रखने के लिए पुलिसवाले तैनात कर दिए। जिस पुलिसकर्मी ने मोटरबाइक पर सवार इन लड़कियों को रोका था उसे एक हफ्ते बाद एक मोहल्ले में एक गर्भवती महिला दिखी जो किसी के यहां घरेलू सहायक के तौर पर काम करती थी। उसने उपर इत्तिला दी और श्रुति ने खुद से उस इलाके का मुआयना करने का फैसला किया। 

तार जोड़ते हुए जब पुलिस पहुंची तो वहां एक सांवली सी महिला जिसकी कद-काठी उन लड़कियों के बताए गए विश्लेषण के अनुसार मिलता था, से मुलाकात हुई। लेकिन राजन ने जैसा बताया था वैसी ये महिला बिल्कुल नजर नहीं आती थी। ये महिला एक बेहद ही गरीब बस्ती में रहती थी और आस-पास के घरों में कामकाज कर अपना गुजर बसर करती थी और गर्भवती थीं। 

पता चला कि अभी कुछ महीने पहले ही इस इलाके में रहने आई है। न आसपास के लोगों को कुछ पता और न हीं देखकर कोई शक-सुबहा होता था। चूंकि इस छापेमारी में श्रुति सिंह खुद गई थीं इसलिए उसने बिना देर किए इन भाभी जी के गर्भवती होने के ढोंग का पर्दाफाश बस्ती में ही कर दिया। भाभी जी उम्मीदों से थीं लेकिन बोतल नहीं निकले, किसी के घर से काम करके आ रही थीं इसलिए पूरे पेट पर कपड़ा बांध रखा था। 

सख्ती के बाद भाभी जी की निशानदेही पर उस इलाके में छापेमारी की गई जहां कुछ महीने पहले तक भाभी जी रहती थीं, यानी दूसरे जिले में। मतलब जब भाभी जी के गर्भावस्था के 9 महीने पूरे होने वाले होते वो इलाके बदल देतीं। 

पटना के बिहटा इलाके में एक चार मंजिला मकान भी उसी आधार कार्ड के नंबर पर रजिस्टर्ड था और एक चालीस लाख की काली रंग की पजेरो कार। वो भाभी जी यहां घरों में काम कर गुजारा कर रही थीं। सोचिए कि इस भाभी जी की उम्मीदें किस किस कदर बढ़ी हुई थीं। 

श्रुति सिंह के सामने भाभी जी का तिलिस्म बढ़ता जा रहा था। एक एक कर चार मकानों का पता चला, कोई दो मंजिला तो कोई चार मंजिला। पजेरो जो जाहिर है कि बिहार में ही उंगलियों पर गिनी जा सकती थी के अलावा स्कॉर्पियो और बोलेरो समेत 9 कारें थीं। कुछ एकड़ खेती के जमीन के कागजात मिले। इनके सारे सगे संबंधी किराए के मकान में रहते थे और अपने मकान किराए पर लगा रखे थे। 6-7 जिलों में अलग अलग गोदाम थे।

भाभी जी इतनी शातिर थीं कि खुद के इस्तेमाल के लिए किसी गाड़ी का इस्तेमाल नहीं करती थी, स्मार्टफोन की जगह साधारण मोबाइल फोन का इस्तेमाल करती थी और सिम कार्ड तो उनकी गरीब बस्ती से ही पचास से ज्यादा मिले थे। हर जिले के गोदाम से भारी मात्रा में शराब जब्त किया गया । सभी बैंक खातों और शराब के स्टाक के कीमत तकरीबन 16 करोड़ आंकी गई। संपत्तियां अलग से थीं। निश्चित तौर पर ये दो साल से भी कम समय की कमाई थी।