पंजाब से धोखाधड़ी का एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां होशियारपुर के रहने वाले पंकज कुमार के खाते से ठगों ने एक लाख से अधिक रुपये निकाल लिए जबकि उनका एटीएम कार्ड उनके पास ही था। हैरानी की बात यह है कि ठगों ने पीड़ित के घर से 1,800 किमी दूर एटीएम मशीन से पैसा निकाला। पीड़ित के अनुसार, उसने एक साल से अधिक समय से अपने एटीएम कार्ड का इस्तेमाल नहीं किया था। इस मामले ने पुलिस को भी हैरान कर दिया। हालांकि मामले में नेशनल कंज्यूमर फोरम ने एसबीआई से पीड़ित को 1 लाख रुपये देने का आदेश दिया है।
दरअसल, नेशनल कंज्यूमर फोरम ने पिछले महीने भारतीय स्टेट बैंक को पंजाब के खाताधारक को 1 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया था क्योंकि महाराष्ट्र में ठगों ने उसके खाते से बिना उसकी जानकारी के पैसे निकाल लिए थे।
दरअसल, पंजाब के होशियारपुर में रहने वाले पंकज कुमार को जुलाई 2014 में मोबाइल पर मैसेज मिला कि उनके एसबीआई खाते से पैसे निकाले जा रहे हैं। ये पैसे 1,800 किमी दूर महाराष्ट्र के कई जगहों से निकाले गए थे। उनके खाते से 8 बार में एक लाख रुपये निकाले गए थे। ठगों ने हर बार 25,00 रुपये मूल्य के दो लेनदेन को उलट भी दिया गया।
पंकज के पास था एटीएम कार्ड
हैरानी की बात यह है कि पीड़ित का एटीएम कार्ड उनके पास ही था। उन्होंने काफी लंबे समय से अपने कार्ड का इस्तेमाल भी नहीं किया था। कार्ड हर समय उनके पास ही था। जांच में सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि एटीएम से पैसे किसी और ने निकाले हैं। धोखाधड़ी का शिकार हुए पंकज ने कानून का सहारा लिया। आखिर में उन्होंने एनसीडीआरसी से संपर्क किया।
सीसीटीवी फुटेज और आरबीआई दिशानिर्देशों पर भरोसा करते हुए एनसीडीआरसी ने पिछले महीने कहा कि शिकायतकर्ता पंजाब के दासुया (होशियारपुर) में था और रुपये मुंबई से निकाले गए थे। घटना के समय भी एटीएम कार्ड उसके पास था। सीसीटीवी फुटेज से यह भी पता चला कि पैसा शिकायतकर्ता ने नहीं बल्कि किसी और ने निकाला था। इसलिए बैंक को शिकायतकर्ता को मुआवजा देना होगा।
इस पर एसबीआई ने तर्क दिया कि एटीएम कार्ड हमेशा कुमार के पास था, लेकिन हो सकता है कि उसने जानबूझकर या अनजाने में अपने एटीएम कार्ड की क्लोनिंग की हो। बैंक ने यह भी कहा कि एटीएम कार्ड का उपयोग बिना पिन के नहीं किया जा सकता था। पिन की जानकारी सिर्फ कुमार के पास थी। बैंक ने यह भी कहा कि यह भी हैरान करने वाला है कि कुमार को उस एटीएम की जगह के बारे में कैसे पता चला जहां से रुपये निकाले गए थे। इसका जिक्र बयान में नहीं किया गया था। हालांकि, एनसीडीआरसी के पीठासीन सदस्य डॉ. इंदर जीत सिंह ने जिला फोरम के पहले के फैसले को बरकरार रखा और एसबीआई को मुवाअजा देने को कहा।