इंसान को जहां कई बार प्रयास करने पड़ते हैं, वहीं मशीन उसी काम को चुटकियों में कर देती है। जब हम मशीनों से मुकाबला करते हैं तब हम इंसान न रहकर मशीन होने लगते हैं। मशीनों ने हमारे जीवन को कठिन से आसान कर दिया है। हालांकि आसान तो कर दिया है, पर कहीं न कहीं हम इस पर बहुत निर्भर हो गए हैं। अगर हमारे पास स्मार्टफोन है तो हम वास्तव में इस दुनिया में जी रहे हैं।

अब हमारा ज्ञान हमारे करिअर की सुरक्षा का पैमाना नहीं है। बटन दबाते ही इंटरनेट पर सभी प्रकार की जानकारी खुल जाती है। इंटरनेट का इस्तेमाल जितना लाभदायक है, उतना ही हानिकारक भी है। होशियार और चालाक लोग अक्सर सीधे-साधे लोगों को अपने जाल में फंसा कर लूट लेते हैं। यह मशीनी दुनिया कहीं न कहीं हमें अपनों से दूर कर दिया है। यह सवाल बहुत बड़ा सच है, क्योंकि वास्तव में हमारे चारों ओर हर काम हर चीज में तकनीकी हस्तक्षेप दिखाई देती है।

अदिति सिंह, दिल्ली</strong>