दिल्ली हाई कोर्ट ने वेब श्रृंखला ‘कालेज रोमांस’ को अश्लील मानते हुए उस पर रोक लगाने का सही फैसला किया है। यह फैसला ऐतिहासिक और नजीर साबित होगा। न्यायाधीश ने कहा है कि इस वेब शृंखला को सार्वजनिक रूप से देखा ही नहीं जा सकता, स्वयं उन्होंने ईयर फोन लगाकर इसे देखा है।

हाई कोर्ट ने फिल्म निर्माता और कलाकारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया है। वेब श्रृंखला के प्रति दीवानगी युवाओं को दिशा भ्रमित कर रही है, जिसके दुष्परिणाम भी सामने हैं। आज का युवा एकाकी जीवन की तरफ बढ़ रहा है, उसमें चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है, जिससे पारिवारिक माहौल खराब होता है। उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है। इस संदर्भ में सूचना प्रसारण मंत्रालय को भी स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने चाहिए और अगर आवश्यक हो तो प्रतिबंध लगाने में भी कोई हिचक नहीं होनी चाहिए।

  • वीरेंद्र कुमार जाटव, देवली गांव, दिल्ली</strong>