आज पूरा विश्व एक महायुद्ध के मुहाने पर खड़ा है। ऐसे में रूस द्वारा परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की घोषणा ने पूरे विश्व को चिंतित कर दिया है। जो देश विश्व शांति के पक्षधर रहे हैं, यह उनके लिए एक बड़ी चुनौती है। पहले तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर बलपूर्वक कब्जा कर लेना और अब रूस का यूक्रेन पर हमला कर उसकी संप्रभुता को चुनौती देना और उस पर कब्जा करने का प्रयत्न। यह प्रवृत्ति यहीं नहीं रुकने वाली, क्योंकि सहयोगी के रूप में चीन भी रूस के पीछे खड़ा है। रूस और यूक्रेन के युद्ध के बहाने चीन की टेड़ी नजर ताइवान पर है। अगर चीन ताइवान पर बलपूर्वक कब्जा करने का प्रयास करता है तो यह पूरे दक्षिण एशिया प्रशांत क्षेत्र की शांति को अस्थिर करने का काम करेगा।
यूक्रेन की जनता ने 2014 में रूस समर्थित राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच को सत्ता से हटा कर वहां प्रजातांत्रिक सरकार का गठन कर दिया गया था। तब से ही रूस और यूक्रेन में तनाव व्याप्त है। उस समय भी रूस ने क्रिमिया के दक्षिणी क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था और रूसी अलगाववादियों को समर्थन देना आरंभ कर दिया था। यूक्रेन एक जीवंत लोकतंत्र का पैरोकार है। पर रूस को यूक्रेन के रक्षात्मक सैन्य संगठन, नाटो में सम्मिलित होना भी पसंद नहीं आ रहा है।
रूस अपनी वर्चस्ववादी सोच के कारण सोवियत संघ से अलग हुए देशों और क्षेत्रों पर अपना कब्जा बनाने की कोशिशें लगातार जारी रखे हुए है। रूस के राष्ट्रपति का कहना है कि यूक्रेन के नाटो में शामिल होने से उनका देश खतरे में पड़ जाएगा। यह युद्ध का कोई बड़ा कारण नहीं माना जा सकता। इन मुद्दों को कूटनीति और आपसी बातचीत से हल किए जाने की आवश्यकता थी। आज जब पूरा विश्व इस वैश्विक महामारी के कारण आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है, इस युद्ध का आर्थिक सुधारों पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। आज विश्व को युद्ध की नहीं, शांति की जरूरत है।
राजेंद्र कुमार शर्मा, रेवाड़ी
पुरानी पेंशन
पुरानी पेंशन की मांग पर शासकीय कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं। राजस्थान सरकार ने पुरानी पेंशन अपने कर्मचारियों को देने का फैसला किया है। नई पेंशन योजना में कम पेंशन बनेगी, जिससे इस उम्र में इन कर्मचारियों का गुजारा संभव नहीं होगा। सारा जीवन नौकरी में लगाने वाले कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद पुरानी पेंशन न मिलना उचित नहीं है। सभी सरकारें इनका दर्द समझें और राजस्थान सरकार की तरह इन्हें पुरानी पेंशन दें।
साजिद अली, चंदन नगर, इंदौर</p>