अर्थव्यवस्था की रफ्तार मंद है। पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दाम से जनता में हाहाकार मचा है। कभी सवाल सरकार पर उठ रहे हैं, तो कभी सरकारी कार्यप्रणाली पर, तो कभी व्यवस्था पर। मगर समस्या का निदान नहीं पाया जा सका है। बाजार में लगातार महंगाई से जनता की जेब पर भी खूब असर डाला है। कई प्रदेशों में पेट्रोल और डीजल के दामों में तेजी को लेकर विरोध प्रदर्शन भी हो रहे हैं। विपक्ष भी सरकार पर हल्ला बोलने का कोई मौका नहीं छोड़ रहा। यह समस्या ऐसी है जिसका असर देश के आम नागरिक पर पड़ रहा है। पर सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही।
’निशा कश्यप, दिल्ली
लगाम जरूरी
ट्विटर सोशल मीडिया का एक प्लेटफार्म है। अभिव्यक्ति को प्रकट करने का यह एक अच्छा माध्यम है। लेकिन अगर यह अपनी मनमानी से देश और समाज के लिए खतरा बन जाए तो इस पर तुरंत कार्रवाई करके इसे प्रतिबंधित कर देना चाहिए या किसी नियम कानून कायदे में लाकर इस पर नकेल कसना चाहिए। सवाल यह है कि हमारे देश में ट्विटर की चलती है या सरकार की। या फिर ट्विटर कंपनी हमारे देश और कानून से बड़ी है? हमारी खामोशी ही इसकी मनमानी को प्रोत्साहन दे रही है।
क्योंकि ट्विटर ने सुरक्षा अधिनियम 2021 के नियम 4 भाग 8 के अनुसार खुलेआम कानून का उल्लंघन किया है। इसने हमारे भारतीय नक्शे के साथ भी छेड़छाड़ की है। पूर्व में भी ऐसी कई घटनाएं घट चुकी हैं जिस पर हमने ध्यान नहीं दिया। आज हमारी लापरवाही व अनदेखी की वजह से ट्विटर ने अपनी सीमा को लांघने की कोशिश की है। हमारी आजादी और सुरक्षा के साथ-साथ देश को भी खतरा उत्पन्न हो जाए, ऐसा सोशल मीडिया मंच हमें नहीं चाहिए। जब दूसरे में सोशल मीडिया पर नकेल कसी जा रही है तो हमारे देश में देरी किस बात की है?
’प्रकाश हेमावत, रतलाम