बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी, जो मजबूत विपक्षी गठबंधन की प्रबल पक्षधर थीं, उन्होंने पिछले दिनों यूपीए और कांग्रेस के अस्तित्व को नकारते हुए उसकी आलोचना की। अब यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भी अपनी चुनावी सभाओं में भारी भीड़ देख कर कांग्रेस से कभी हाथ न मिलाने की बात कही है। इससे उनका अहंकार साफ झलकता है, जो किसी के लिए भी उचित नहीं। बड़ी बात यह है कि कांग्रेस कभी ऐसी सोच नहीं रखती। ऐसे में विपक्षी गठबंधन संभव नहीं है। इस बिखराव से मतविभाजन होगा, जिसका लाभ भाजपा को मिलेगा। इससे साफ जाहिर है कि ये पार्टियां खुद अपने अहंकार से अपने ही पैरों में कुल्हाड़ी मार रही हैं।
दूसरी ओर, पिछले सपा शासन की कानून-व्यवस्था पर उंगलियां उठती रही हैं और आज भी उसके कुछ नेता और कार्यकर्ता अनुशासनहीनता के साथ अहंकार भरी बातें खुलकर कर रहे हैं, जिसे रोकना जरूरी है। पांच राज्यों के चुनाव में भाजपा और उसके समर्थक दलों का ही पलड़ा भारी लगता है। यह सही है कि बिना ठोकर के अकल नहीं आती। अच्छी ठोकर खाकर ही ये भविष्य में लोकसभा चुनाव में ही शायद एक हो सकें। अगर दुर्भाग्य से भाजपा की किस्मत ज्यादा ही खराब हुई तो फिर किसी को पूर्ण बहुमत मिलना कठिन है। नेपथ्य में खोई कांग्रेस के अब कई कारणों से कुछ उभरने के आसार भी हैं।
’वेद मामूरपुर, नरेला
महंगाई बेलगाम
बढ़ती महंगाई से आज भारत का हर एक नागरिक परेशान है, खासकर मध्यवर्ग और गरीबों का बुरा हाल है। पिछले साल के नवंबर में महंगाई दर 4.91 फीसद थी, जबकि इस साल यह 14.23 फीसद पर पहुंच गई है। यह सच है कि कोरोना की वजह से महंगाई बढ़ी है, लेकिन दूसरी तरफ इसका लोगों के कारोबार पर भी बुरा आसर पड़ा है। एक तरफ महंगाई के बढ़ने और दूसरी तरफ कारोबार मंदा होने से आम आदमी का पूरा बजट हिल गया है। सरकार को महंगाई काबू करना चाहिए, जिससे आम लोग राहत की सांस ले पाएं।
’जय प्रकाश सिंह, करतारपुर
सतर्कता जरूरी
कोरोना का नया बहुरूप देश में तेजी से बढ़ रहा है। महाराष्ट्र और राजस्थान में ज्यादा मामले मिले हैं। इससे लोगों में घबराहट है। शादी-विवाह में प्रशासन द्वारा लोगों को मिलने वाली छूट से भी यह वायरस फैल रहा है। बिना मास्क बाहर निकलने की अनेक शहरों में छूट है, जिससे नए बहुरूप के फैलने की संभावना है। महाराष्ट्र में मिलने वाले मामले में मरीज ने किसी दूसरे देश की यात्रा नहीं की है। वहां ओमीक्रान संक्रमितों में तीन महिला भी शामिल हैं। राजस्थान में सत्रह मामले मिले हैं। कुछ ऐसे मरीज भी हैं, जिन्हें टीके की दोनों खुराक मिल गई है। यह लापरवाही इसी तरह चलती रही तो ओमीक्रान वायरस पूरे देश में फैलने की संभावना है। धीरे-धीरे बढ़ते इस वायरस के कोई खास लक्षण नहीं मिले हैं। डब्यूएचओ के मुताबिक सतहत्तर देश ओमीक्रान की चपेट में हैं। सरकार ने एहतियात नहीं बरती, तो इस बीमारी को फैलने से कोई नहीं रोक सकता।
कोरोना की दूसरी लहर की लापरवाही देश को बहुत भारी पड़ी थी। इस समय बढ़ते विषाणु की रोकथाम के लिए सरकार सतर्क है। इसलिए हमारी भी जवाबदेही बनती है कि हम इस ओमीक्रान को हल्के में न लें। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जिस तेजी से ओमीक्रान फैल रहा है, वैसी तेज गति से कोई वायरस नहीं फैला है। हमें सावधानी रखनी है। भीड़भाड़ वाले इलाकों में मास्क और दूरी का पालन करना है। जिनकी टीके की खुराक बाकी है, उनको लगवा लेना चाहिए। यात्रियों के एंटीपीसीआर टेस्ट बढ़ाने के भी निर्देश सरकार ने दिए हैं। जांच की प्रक्रिया बराबर रहनी चाहिए। हमें सतर्क रहना है।
’कांतिलाल मांडोत, सूरत