‘युद्ध के मुहाने’ (संपादकीय, 18 अक्तूबर) पढ़ा। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को काफी समय हो चुका है, मगर यह खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। बल्कि ऐसा लगता है कि यह और तेज हो रहा है। उम्मीद थी कि अब यह ठंडा पड़ जाएगा, मगर ऐसा नजर नहीं आ रहा है। इस युद्ध से दोनों देशों का तो नुकसान हो ही रहा है, साथ ही पूरा विश्व भी प्रभावित हो रहा है। कोरोना से पहले ही कई देश परेशान रहे हैं और अब यह युद्ध महंगाई और दूसरी समस्याओं को बढ़ा रहा है। सभी देशों को मिलकर आपसी संवाद से इस युद्ध को रोकने के प्रयास करने होंगे और युद्ध में लिप्त दोनों देशों को भी जिद छोड़कर शांति स्थापित करने होंगे, क्योंकि युद्ध से किसी का भला नही होता।