देश में कोरोना विषाणु से महामारी के चलते बढ़ती महंगाई ने आम लोगों की जिंदगी में दीवारें खड़ी कर दी हैं। यह सही है कि महंगाई हमेशा जनता के लिए एक मुद्दा रही है। लेकिन यह समय-समय पर जब भयानक रूप लेने लगती है तो चारों ओर से आम लोगों की सरकार के विरुद्ध आवाज उठने लगती है। ये आवाजें वक्त की जरूरत होती हैं। सरकार भाजपा की हो या कांग्रेस की, लेकिन देश में महंगाई को रोकने के लिए उचित कदम उठाना बहुत जरूरी है। हमारे देश में जो लोग रोजगार करके अपने परिवार को जिंदा रखने के लिए दो वक्त की रोटी कमाते हैं, उन लोगों के लिए आज की तारीख में देखा जाए तो बढ़ती महंगाई ने ऐसे हालात पैदा कर दिए हैं कि कई जगहों से खुदकुशी तक की खबरें आने लगी हैं।
’चंदन कुमार नाथ, गुवाहाटी, असम
शक्ति के स्रोत
देश को सुदृढ़ स्थिति में देखना हर नागरिक की अभिलाषा होनी चाहिए। इसलिए देश की सामाजिक, राजनीतिक व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए हमें अपनी विचारधारा को धीरे-धीरे संतुलित बनाना होगा। हमें जागरूक, आत्मनिर्भर, चरित्रवान और कर्तव्यों के प्रति निष्ठावान होना पड़ेगा। देश की स्थिति दिन-प्रतिदिन दयनीय औप शोचनीय होती जा रही है। समाज की विद्रूप को देख कर हम आहत तो होते हैं, लेकिन समस्या के निवारण और उन्मूलन के लिए तत्पर नहीं होते। यही कारण है कि सब कुछ पतन के गर्त में गिरता जा रहा है। आज हालत यह लगती है कि हम कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। लड़कियों के लिए सुरक्षा का अहम समस्या है। महिलाएं पुरुषों से कंधे से कंधा मिला कर आगे बढ़ती जा रही हैं, पर असुरक्षा की भावना से प्रतिक्षण भयभीत रहती है। अपने ही देश में वे अपने अधिकारों से वंचित हैं।
’पलक त्रिवेदी, गिरजा बाग, उन्नाव, उप्र
उम्मीद का मैदान
तोक्यो ओलंपिक मे भारत अठारह खेलों में अपने 119 खिलाड़ियों को भेज रहा है। इतने सारे खिलाडियों में से हमें कई खिलाडियों से पदक की उम्मीद है। खासकर हॉकी, बैडमिंटन, कुश्ती, निशानेबाजी, मुक्केबाजी में हमारे खिलाड़ियों ने खूब मेहनत कर पसीना बहाया है। तो निश्चित ही इस बार हमें दस से अधिक पदक मिलने की उम्मीद है। हमारी स्टार शटलर पीवी सिंधु, जो पिछले ओलंपिक मे स्वर्ण पदक के लिए खेलते हुए कड़े संघर्ष के बाद केरोलिना मारिन से हार गई थीं, इस बार दक्षिण कोरिया के पार्क तेई सेंग की देखरेख मे कड़ा अभ्यास कर रही हैं। हमारे पंद्रह निशानेबाजों ने ओलंपिक के लिए क्वालिफाइ किया है तो इनसे भी पदक की उम्मीद की जा सकती है। कुल मिला कर इस बार उम्मीद बंध रही है कि हमारे देश के लिए पदकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
’संजय डागा, हातोद, इंदौर, मप्र